आजम खान को जमानत मिलते ही यूपी पुलिस ने दर्ज की नई एफआईआर, सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, सरकार से मांगा जवाब
By विशाल कुमार | Published: May 11, 2022 02:27 PM2022-05-11T14:27:57+5:302022-05-11T14:30:15+5:30
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 10 मई को दुश्मन की संपत्ति को हथियाने और उस पर मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय बनाने के मामले में खान को जमानत दे दी थी। 9 मई को कपिल सिब्बल ने पीठ को बताया कि खान को जेल में रखने की साजिश में उनके खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की गई है।
नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस संयोग पर चिंता व्यक्त की कि जैसे ही समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान को जमानत मिलती है, उसके तत्काल बाद ही उनके खिलाफ एक नया मामला दर्ज कर लिया जाता है।
पीठ ने कहा, ''यह क्या है? उन्हें जाने क्यों नहीं दिया गया। वह दो साल से जेल में बंद हैं। एक या दो मामलों में ठीक है, लेकिन यह 89 मामलों में नहीं हो सकता है। जब भी उन्हें जमानत मिलती है, तो उनको फिर से किसी और प्रकरण में जेल भेज दिया जाता है। आप (सरकार) जवाब दाखिल करें। हम मंगलवार को सुनवाई करेंगे।''
सर्वोच्च न्यायालय ने इससे पहले खान की जमानत अर्जी पर सुनवाई में देरी पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि यह न्याय का मजाक है। हालांकि, चूंकि फैसला पहले से ही हाईकोर्ट द्वारा सुरक्षित रखा गया था, इसलिए पीठ ने हाईकोर्ट को जल्द से जल्द तय करने का मौका देने का फैसला किया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 10 मई को दुश्मन की संपत्ति को हथियाने और उस पर मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय बनाने के मामले में खान को जमानत दे दी थी।
हालांकि, सोमवार (9 मई) को खान की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ को अवगत कराया कि उन्हें जेल में रखने की साजिश में उनके खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की गई है। खान पर अब रामपुर पब्लिक स्कूल को मान्यता दिलाने के लिए जाली भवन प्रमाण पत्र का मामला दर्ज किया गया है। वह उस संस्थान के अध्यक्ष हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस संबंध में खान के खिलाफ वारंट जारी किया गया था। ऐसा लगता है कि सीतापुर जेल से बाहर आने के लिए उन्हें हाल के मामले में जमानत की आवश्यकता होगी, जहां वह 26 फरवरी 2020 से बंद हैं।