उच्चतम न्यायालय ने फ्रैंचाइजी रैकेट के ‘पीड़ितों’ को उच्च न्यायालय का रूख करने को कहा

By भाषा | Updated: February 8, 2021 20:58 IST2021-02-08T20:58:49+5:302021-02-08T20:58:49+5:30

Supreme Court asks the 'victims' of the franchise racket to move the High Court | उच्चतम न्यायालय ने फ्रैंचाइजी रैकेट के ‘पीड़ितों’ को उच्च न्यायालय का रूख करने को कहा

उच्चतम न्यायालय ने फ्रैंचाइजी रैकेट के ‘पीड़ितों’ को उच्च न्यायालय का रूख करने को कहा

नयी दिल्ली, आठ फरवरी उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि उसने ‘फ्रैंचाइजी रैकेट’ की विभिन्न एजेंसियों से जांच के लिए दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमत होकर एक ‘‘गलती’’ की थी।

इन याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि इस रैकेट के जरिये तमाम लोगों से लगभग 30 करोड़ रुपए की ठगी की गयी है।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने पिछले वर्ष दो नवम्बर को ‘वेस्टलैंड ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड’ के खिलाफ तीन अलग-अलग याचिकाओं पर केन्द्र और अन्य एजेंसियों को नोटिस जारी किये थे।

पीठ ने याचिकाकर्ताओं से अपनी याचिकाओं को लेकर संबंधित उच्च न्यायालय का रूख करने को कहा।

पीठ में न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन भी शामिल हैं।

महेन्द्र सिंह राणा और फ्रैंचाइजी रैकेट के 37 अन्य पीड़ितों की ओर से पेश वकील अश्विनी उपाध्याय ने पीठ से कहा कि शीर्ष अदालत इन याचिकाओं पर खुद सुनवाई करने के लिए सहमत हुई थी और अब पीड़ितों को उच्च न्यायालय जाने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए।

पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये हुई सुनवाई में कहा, ‘‘हमने इसमें नोटिस जारी करके एक गलती की थी...… हमें अपनी गलती स्वीकार करने में कोई समस्या नहीं है।’’

याचिकाकर्ताओं को उच्च न्यायालय जाने के लिए कहते हुए पीठ ने कहा, ‘‘हम योग्यता के आधार पर कुछ नहीं कह रहे हैं। हम इस पर निर्णय देने नहीं जा रहे हैं।’’

इससे पूर्व पीठ ने याचिका पर गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के साथ ही सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और अन्य से जवाब मांगे थे।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि ‘वेस्टलैंड ट्रेड प्रा लि’ ने हाइपर सुपरमार्केट और हाइपर मार्ट जैसी अनेक फर्जी कंपनियों को शुरू करके लोगों को ठगा है।

याचिका में ब्लू मार्ट, बिग मार्ट फ्रैंचाइज रैकेट मामलों की जांच कराने का भी अनुरोध किया गया है।

अधिवक्ता अश्विनी कुमार दुबे के जरिये दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने फ्रैंचाइजी शुल्क के रूप में तीन लाख रुपए लिये और आकर्षक भुगतान का प्रलोभन देकर 500 निवेशकों को आकर्षित किया।

हालांकि, याचिका के अनुसार लॉकडाउन के दौरान कंपनी ने भुगतान करना बंद कर दिया और मई महीने में एक ईमेल भेजकर सूचित किया कि वह समझौते में उल्लिखित अप्रत्याशित परिस्थितियों की वजह से करार पूरा करने में असमर्थता का उपबंध लागू कर रहा है।

‘फ्रैंचाइजी कपट’ के सिलसिले में अगस्त में उत्तर प्रदेश के नोएडा से एक व्यक्ति गिरफ्तार किया गया था, जिसमें अनेक व्यक्तियों के साथ करीब 30 करोड़ रुपए की कथित तौर पर ठगी की गयी है।

पुलिस के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के नोएडा सेक्टर 63 में पंजीकृत ‘हाइपरमार्ट’ नाम से एक कंपनी कुछ व्यक्तियों ने मिलकर शुरू की और ऐसी ही पांच छह और कंपनियों ने लोगों को उनके शहरों में ‘फ्रैंचाइजी स्टोर’ देने के नाम पर अपना शिकार बनाया।

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Web Title: Supreme Court asks the 'victims' of the franchise racket to move the High Court

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