केरल में मॉक पोल के समय भाजपा को EVM से मिला 1 अतिरिक्त वोट, SC ने जांच के दिए निर्देश
By आकाश चौरसिया | Published: April 18, 2024 01:13 PM2024-04-18T13:13:18+5:302024-04-18T13:40:02+5:30
केरला में हुए मॉक पोल में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश देते हुए कहा कि क्रॉसचेक करिए कि आखिर यहां ऐसी दिक्कत क्यों सामने आ रही है।
Lok Sabha Election 2023:सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को चुनाव आयोग (ECI) को निर्देशित किया कि केरला में देखिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में कहां और क्यों दिक्कत आ रही है। केरला के कासरगोड में हुए पोलिंग से पहले मॉक में ये बात सामने निकलकर आई है कि भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में वोट जाते हुए दिखे और इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए चुनाव आयोग से एक्शन लेने के लिए कहा है।
इस मामले पर जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता सुनवाई कर रहे थे और उन्होंने ईसीआई परिषद से इस मामले को देखने के लिए कहा है, जिसे फेमस वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में उठाया।
प्रशांत भूषण के मुताबिक, कासरगोड में वोटिंग से पहले मॉक पोल हुआ, जहां 4 ईवीएम और वीवीपैट में भाजपा के केलिए एक अतिरिक्त वोट रिकॉर्ड हो रहा था। इस बात का खुलासा मनोरमा की एक रिपोर्ट के जरिए हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने ईसीआई परिषद के मनिंदर सिंह से इसे क्रॉसचेक करने के लिए कहा है।
अदालत उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिनमें चुनाव के दौरान ईवीएम के माध्यम से डाले गए प्रत्येक वोट का वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों से मिलान करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। चुनाव आयोग ने बताया कि वीवीपैट वैरिफिकेशन पूरा हो गया है, हर विधानसभा क्षेत्र से पांच रैंडम ईवीएम को चेक किया गया है।
याचिकाकर्ताओं में से एक वकील और सामाजिक कार्यकर्ता अरुण कुमार अग्रवाल ने प्रार्थना की है कि प्रत्येक ईवीएम वोट का मिलान वीवीपैट पर्चियों से किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने यह निर्देश की मांग की है कि मतदाताओं को वीवीपैट के जरिए मिली पर्चियों को मतपेटी में फिजीकली रूप से डालने की अनुमति दी जानी चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मतदाता का मत 'रिकॉर्ड के रूप में गिना गया है'।