MS Word में वोटर लिस्ट ना जारी करने पर सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस, SC ने मांगा EC से जवाब
By भाषा | Published: September 1, 2018 03:16 PM2018-09-01T15:16:55+5:302018-09-01T15:17:37+5:30
वर्ड कंप्यूटर पर विषय सामग्री देने का एक प्रारूप होता है। इसे देखने वाला व्यक्ति इसकी विषय सामग्री में संपादन या बदलाव कर सकता है।
नयी दिल्ली, 1 सितंबर: उच्चतम न्यायालय ने आज भारतीय निर्वाचन आयोग से कहा कि उसे इस बात के कारणों से अवगत कराया जाये कि वह मध्य प्रदेश में मतदाता सूची वर्ड प्रारूप में क्यों नहीं जारी कर सकता जैसा कि उसने राजस्थान के लिए किया है।
राजस्थान और मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव इसी साल होने हैं। चुनाव आयोग ने यह कारण बताया था कि मतदाता सूची वर्ड प्रारूप के बजाय पीडीएफ फार्मेट में दी जा रही है ताकि इसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सके।
न्यायमूर्ति ए के सीकरी एवं न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने चुनाव आयोग के वकील से कहा कि वह आयोग से निर्देश लेकर उसे अवगत कराये कि यह वर्ड फार्मेट में मतदाता सूची क्यों नहीं जारी कर सकता जैसा कि राजस्थान में किया गया है।
कांग्रेस नेता कमलनाथ की ओर से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जब मतदाता सूची पीडीएफ प्रारूप में होती है तो नाम ढूंढने में बहुत दिक्कत आती है।
न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को तय की है।
वर्ड कंप्यूटर पर विषय सामग्री देने का एक प्रारूप होता है। इसे देखने वाला व्यक्ति इसकी विषय सामग्री में संपादन या बदलाव कर सकता है। इसके विपरीत पीडीएफ प्रारूप में व्यक्ति विषय सामग्री को केवल देख सकता है किंतु वह इसमें कोई बदलाव या सम्पादन नहीं कर सकता।