सुप्रीम कोर्ट ने दी गवाह संरक्षण योजना को मंजूरी, संसद में कानून बनने तक सभी राज्यों को करना होगा अमल

By भाषा | Published: December 5, 2018 06:49 PM2018-12-05T18:49:12+5:302018-12-05T18:49:12+5:30

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) और पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरडी) से परामर्श के बाद अंतिम रूप दिये गये गवाह संरक्षण योजना के मसौदे में गवाहों को खतरे के आकलन के आधार पर तीन श्रेणियों में रखा गया है।

supreme Court approves Centrifugal Protection Scheme states has to follow direction till center make a law | सुप्रीम कोर्ट ने दी गवाह संरक्षण योजना को मंजूरी, संसद में कानून बनने तक सभी राज्यों को करना होगा अमल

सुप्रीम कोर्ट ने दी गवाह संरक्षण योजना को मंजूरी, संसद में कानून बनने तक सभी राज्यों को करना होगा अमल

नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को केंद्र की गवाह संरक्षण योजना के मसौदे को मंजूरी दे दी और सभी राज्यों को इस संबंध में संसद द्वारा कानून बनाए जाने तक इसका पालन करने का निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उसने इस योजना में कुछ बदलाव किए हैं।

कथावाचक आसाराम से जुड़े बलात्कार मामले के गवाहों के संरक्षण के लिये दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय में गवाह संरक्षण योजना की बात सामने आयी थी। 

इससे पहले 19 नवंबर को सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने न्यायालय को बताया था कि गवाह संरक्षण योजना के मसौदे को अंतिम रूप दे दिया गया है। अब तय प्रक्रिया के तहत उसे कानून का रूप दिया जाएगा, लेकिन उस वक्त तक इसका अनुपालन करने का निर्देश न्यायालय को सभी राज्यों को देना चाहिए।

इस मामले में न्याय-मित्र के रूप में शीर्ष अदालत की मदद कर रहे अधिवक्ता गौरव अग्रवाल ने न्यायालय को बताया कि केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों से चर्चा करने के बाद गवाह संरक्षण योजना का मसौदा तैयार किया है।

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) और पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरडी) से परामर्श के बाद अंतिम रूप दिये गये गवाह संरक्षण योजना के मसौदे में गवाहों को खतरे के आकलन के आधार पर तीन श्रेणियों में रखा गया है।

केन्द्र ने इस साल अप्रैल में न्यायालय को सूचित किया था कि उसने गवाह संरक्षण योजना का मसौदा तैयार किया है और इस पर राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की राय जानने के लिये उनके पास भेजा गया है।

न्यायालय ने केन्द्र से कहा था कि राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों का जवाब मिलने के बाद इस योजना को अंतिम रूप दिया जाये।

न्यायालय ने कहा था कि गवाह संरक्षण योजना कम से कम संवेदनशील मामलों में तो लागू की जा सकती है और इसके लिये गृह मंत्रालय व्यापक योजना तैयार कर सकता है।

गवाह संरक्षण योजना, 2018 के मसौदे के अनुसार यह गवाहों को संरक्षण मुहैया कराने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर पहला गंभीर प्रयास है।

मसौदे में कहा गया है कि न्याय की आंख और कान होने वाले गवाह अपराध करने वालों को न्याय के कठघरे तक लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इस योजना में गवाह की पहचान को सुरक्षित रखना और उसे नयी पहचान देने सहित गवाहों के संरक्षण के लिये अनेक प्रावधान हैं। 

Web Title: supreme Court approves Centrifugal Protection Scheme states has to follow direction till center make a law

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