SC ने सेरिडॉन सहित तीन अन्य दवाओं की बिक्री से बैन हटाया, नोटिस जारी कर मोदी सरकार से मांगा जवाब

By भाषा | Published: September 18, 2018 08:36 AM2018-09-18T08:36:49+5:302018-09-18T08:36:49+5:30

न्यायालय ने जिन दवाओं की बिक्री की अनुमति प्रदान की है उनमें पीरामल हेल्थकेयर की सेरिडॉन, ग्लैक्सोस्मिथक्लिन की प्रीटोन, जगगट फार्मा की डार्ट और एक अन्य दवा, जिसका विवरण तत्काल प्राप्त नहीं हो सका, शामिल है। 

Supreme Court allows sale of Saridona and three other drugs | SC ने सेरिडॉन सहित तीन अन्य दवाओं की बिक्री से बैन हटाया, नोटिस जारी कर मोदी सरकार से मांगा जवाब

SC ने सेरिडॉन सहित तीन अन्य दवाओं की बिक्री से बैन हटाया, नोटिस जारी कर मोदी सरकार से मांगा जवाब

नई दिल्ली, 18 सितंबरः उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को प्रतिबंधित दर्द निवारक सेरिडॉन और तीन अन्य एफडीसी दवाओं की बिक्री की अनुमति प्रदान कर दी है। न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन और न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा की पीठ ने कुछ दवा निर्माता कंपनियों और फार्मा एसोसिएशन की याचिका पर केन्द्र को नोटिस जारी कर उससे जवाब मांगा है।

न्यायालय ने जिन दवाओं की बिक्री की अनुमति प्रदान की है उनमें पीरामल हेल्थकेयर की सेरिडॉन, ग्लैक्सोस्मिथक्लिन की प्रीटोन, जगगट फार्मा की डार्ट और एक अन्य दवा, जिसका विवरण तत्काल प्राप्त नहीं हो सका, शामिल है। 

शीर्ष अदालत ने हालांकि प्रतिबंधित एफडीसी दवाओं की 328 दवाओं की सूची की सूची की को किसी अन्य प्रकार की कोई राहत प्रदान नहीं की। इन दवाओं के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सात सितंबर की अधिसूचना के माध्यम से प्रतिबंधित कर दिया है। एएफडीसी दवायें दो या उससे अधिक दवाओं को मिलाकर एक निश्चित अनुपात में एक दवा के रूप में तैयार की जाती हैं।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने इससे पहले इंडियन फार्मा कंपनी वाक्हार्ट के अपने एस प्राक्सीवान टेबलेट बेचने की अनुमति दी थी। यह तीन दवाओं को मिलाकर बनायी जाती है और यह प्रतिबंधित है। फार्मा कंपनी ने दावा किया कि वह 11 साल से इस दवा का उत्पादन और बिक्री कर रही है। उसका तर्क था कि उसे औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड की रिपोर्ट उपलब्ध नहीं करायी गयी है जिसके आधार पर यह निर्णय लिया गया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने 10 मार्च 2016 की अधिसूचना के जरिये 349 एफडीसी दवाओं के उत्पादन, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगाया था। सरकार की इस अधिसूचना को भी दिल्ली उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गयी थी 

शीर्ष अदालत ने दिसंबर, 2016 में एफडीसी पर लगाया गया प्रतिबंध निरस्त कर दिया था जिसे केन्द्र ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। शीर्ष अदलत ने पिछले साल दिसंबर में उच्च न्यायालय क आदेश निरस्त करते हुये प्रतिबंधित एफडीसी को औषधि तकनीकी परामर्श बोर्ड के पास फिर से विचार के लिये भेज दिया था।

इसके बाद बोर्ड ने एक समिति गठित की थी जिसने अपनी रिपोर्ट केन्द्र सरकार को दी थी। बोर्ड ने व्यापक जनहित में इन एफडीसी दवाओं के उत्पादन, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी। 

Web Title: Supreme Court allows sale of Saridona and three other drugs

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