चंडीगढ़: कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बुधवार को पार्टी के हाईकमान को जी-23 समूह के असंतुष्ट नेताओं को मनाने की कोशिश का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि इसका सबसे पुरानी पार्टी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। जाखड़ ने ट्वीट करते हुए लिखा, "झुक कर सलाम करने में क्या हर्ज है मगर, सर इतना मत झुकाओ कि दस्तार गिर पड़े। विरोधियों को शामिल करना - 'बहुत ज्यादा' - न केवल प्राधिकरण को कमजोर करेगा, बल्कि कैडर को हतोत्साहित करते हुए और अधिक असंतोष को प्रोत्साहित करेगा।"
बता दें कि जाखड़ ने ट्वीट तब किया जब एक दिन पहले पार्टी प्रधान सोनिया गांधी पार्टी के असंतुष्ट ग्रुप जी-23 को मनाने की कोशिश के लिए मनीष तिवारी और आनंद शर्मा से मिली थीं। इसके साथ ही पिछले शुक्रवार को गांधी सोनिया ने जी-23 के एक अन्य सदस्य गुलाम नबी आजाद से भी मुलाकात की थी। मालूम हो, पांच राज्यों के चुनावों में कांग्रेस की हार के मद्देनजर, समूह ने कई बैठकें की हैं। हालांकि इनमें से कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं निकला है।
वहीं, पार्टी में सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने 13 मार्च को गांधी परिवार के अपने-अपने पदों से इस्तीफा देने के प्रस्ताव को 'सर्वसम्मति से' ठुकरा दिया। पंजाब में हार का मतलब है कि कांग्रेस की अब छत्तीसगढ़ और राजस्थान वाले दो राज्यों में पूर्ण सरकारें हैं, जबकि महाराष्ट्र और तमिलनाडु में कांग्रेस सत्तारूढ़ गठबंधनों का एक कनिष्ठ सदस्य है। महाराष्ट्र में कांग्रेस शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ साझेदारी में है तो वहीं तमिलनाडु में पार्टी DMK के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा है।