Sulabh International founder Bindeshwar Pathak: नहीं रहे सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक, जानें कौन थे
By सतीश कुमार सिंह | Published: August 15, 2023 04:29 PM2023-08-15T16:29:43+5:302023-08-15T17:24:22+5:30
Sulabh International founder Bindeshwar Pathak: सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का दिल्ली के एम्स में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। करीबी सहयोगी ने जानकारी दी।
नई दिल्लीः सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का मंगलवार को 80 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में आखिरी सांस ली। स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान सुबह उनकी तबीयत बिगड़ गई थी और बाद में उन्हें अस्पताल ले जाया गया था।
एम्स के आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार पाठक के सीने में दर्द शुरू हो गया था और उन्हें दिल्ली के एम्स आपातकाल में लाया गया था। दोपहर करीब 1.30 बजे उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ। उनके शव को एम्स की मोर्चरी में रखा गया है। 'सुलभ इंटरनेशनल' के संस्थापक द्वारा किए गए योगदान की मान्यता में 14 अप्रैल को 'बिंदेश्वर पाठक दिवस' के रूप में घोषित किया।
Sulabh International founder Bindeshwar Pathak dies at AIIMS Delhi due to cardiac arrest, a close aide says
— Press Trust of India (@PTI_News) August 15, 2023
ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाठक के निधन पर शोक व्यक्त किया और इसे देश के लिए "गंभीर क्षति" बताया। उन्होंने "सामाजिक प्रगति और वंचितों को सशक्त बनाने" के लिए काम करने के लिए पाठक की प्रशंसा की। डॉ. बिंदेश्वर पाठक जी का निधन हमारे देश के लिए गहरी क्षति है। एक दूरदर्शी व्यक्ति थे, जिन्होंने सामाजिक प्रगति और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया।
वैशाली जिले के रामपुर बाघेल गांव में जन्मे पाठक ने 1964 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने 1980 में मास्टर डिग्री और 1985 में पटना विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने देश की स्वच्छता समस्याओं को हल करने के उद्देश्य से 1970 में सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस की स्थापना की।
The passing away of Dr. Bindeshwar Pathak Ji is a profound loss for our nation. He was a visionary who worked extensively for societal progress and empowering the downtrodden.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 15, 2023
Bindeshwar Ji made it his mission to build a cleaner India. He provided monumental support to the… pic.twitter.com/z93aqoqXrc
पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। हाथ से मैला ढोने वालों की दुर्दशा को कम करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया था। सुलभ ने सस्ती दो-गड्ढे वाली तकनीक का उपयोग करके लगभग 1.3 मिलियन घरेलू शौचालय और 54 मिलियन सरकारी शौचालयों का निर्माण किया है।
शौचालयों के निर्माण के अलावा, संगठन ने मानव अपशिष्ट की मैन्युअल सफाई को हतोत्साहित करने के लिए एक आंदोलन का नेतृत्व किया है। सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक के रूप में, पाठक ने शिक्षा के माध्यम से मानव अधिकारों, पर्यावरणीय स्वच्छता, ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों और अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था।
पाठक (80) सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक थे, जो भारत स्थित एक सामाजिक सेवा संगठन है। यह संगठन शिक्षा के माध्यम से मानव अधिकारों, पर्यावरण स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन और सुधारों को बढ़ावा देने के लिए काम करता है।
सहयोगी ने बताया कि पाठक ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सुबह राष्ट्रीय ध्वज फहराया और उसके तुरंत बाद गिर गये। उन्हें एम्स, दिल्ली ले जाया गया। अस्पताल के एक सूत्र ने कहा कि पाठक को अपराह्न 1.42 बजे मृत घोषित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि मौत का कारण हृदय गति का रुक जाना है।