बंद हुए सबरीमाला मंदिर के कपाट, सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद भी कोई महिला नहीं कर पाई प्रवेश

By भाषा | Published: October 23, 2018 01:54 AM2018-10-23T01:54:45+5:302018-10-23T01:54:45+5:30

सबरीमला मंदिर में ‘दर्शन’ के आखिरी दिन, सोमवार को ‘‘रजस्वला’’ आयुवर्ग की एक और महिला ने मंदिर में प्रवेश का प्रयास किया लेकिन प्रदर्शनकारियों के विरोध के चलते उन्हें वापस लौटना पड़ा।

Subirimala locked in the temple, even after the Supreme Court order no woman could enter | बंद हुए सबरीमाला मंदिर के कपाट, सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद भी कोई महिला नहीं कर पाई प्रवेश

बंद हुए सबरीमाला मंदिर के कपाट, सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद भी कोई महिला नहीं कर पाई प्रवेश

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध हटाये जाने के बाद पहली बार खोले गये सबरीमला मंदिर के कपाट छह दिन बाद सोमवार रात में बंद कर दिए गए। हालांकि मंदिर के गर्भगृह तक रजस्वला महिलाओं के पहुंचने के आदेश का पालन नहीं कराया जा सका। 

10 से 50 साल की आयु वर्ग में कार्यकर्ताओं और पत्रकारों सहित करीब एक दर्जन महिलाओं ने इतिहास रचने का बहादुरीपूर्ण प्रयास किया लेकिन भगवान अयप्पा के श्रद्धालुओं के विरोध के चलते उन्हें वापस लौटना पड़ा। 

सबरीमला मंदिर में ‘दर्शन’ के आखिरी दिन, सोमवार को ‘‘रजस्वला’’ आयुवर्ग की एक और महिला ने मंदिर में प्रवेश का प्रयास किया लेकिन प्रदर्शनकारियों के विरोध के चलते उन्हें वापस लौटना पड़ा।

अधिकारियों ने कहा कि दलित कार्यकर्ता बिंदू पहाड़ी पर स्थित सबरीमला मंदिर के निचले हिस्से में स्थित पम्बा की ओर बढ़ रही थी। पम्बा से ही श्रद्धालु मंदिर के लिए पांच किलोमीटर की चढ़ाई शुरू करते हैं। दलित कार्यकर्ता को उनके अनुरोध पर पुलिस संरक्षण प्रदान किया गया।

बिंदू केरल राज्य परिवहन निगम की बस में पुलिसकर्मियों के साथ सफर कर रही थीं। बस जब पम्बा पहुंचने वाली थी, “नैश्तिक ब्रह्मचारी” के मंदिर में 10 से 50 साल की आयु वर्ग की लड़कियों एवं महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे श्रद्धालुओं और भाजपा कार्यकर्ताओं के एक समूह ने सड़क बाधित कर दिया और उन्हें बस से उतरने के लिए बाध्य कर दिया।

अधिकारियों ने कहा कि बिंदू को पुलिस की जीप में सुरक्षा में ले जाया गया।

‘मेलसंति’ या मुख्य पुजारी और अन्य पुजारी भगवान अयप्पा की प्रतिमा के दोनों तरफ खड़े थे और ‘हरिवर्षनम’ का गायन किया और कार्यक्रम के बीच में पूजा स्थल के दीपों को बुझाना शुरू कर दिया।

गायन के अंतिम पंक्ति के साथ ही कपाट को बंद कर दिया गया। 

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह केरल के सबरीमला मंदिर में हर आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाले उसके फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने की तारीख पर मंगलवार को निर्णय करेगा।

पीठ ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि 19 पुनर्विचार याचिकाएं लंबित हैं। हम कल तक फैसला करेंगे।’’
 

Web Title: Subirimala locked in the temple, even after the Supreme Court order no woman could enter

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