अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में फिर लगे ‘अल्लाह-हू-अकबर' के नारे, निलंबित छात्र को बहाल करने की मांग
By शिवेंद्र राय | Published: February 4, 2023 01:52 PM2023-02-04T13:52:03+5:302023-02-04T13:53:46+5:30
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के निलंबित छात्र वाहिदुज्जमा का निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए उसके साथियों ने ‘अल्लाह-हू-अकबर और नारा-ए-तकबीर’ के नारे भी लगाए। प्रदर्शनकारी छात्रों ने मार्च भी निकाला।
अलीगढ़: बीते 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एनसीसी छात्रों ने अल्लाहू अकबर के नारे लगाए थे। इस घटना के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक छात्र को निलंबित कर दिया था। अब ये मामला एक बार फिर से तूल पकड़ता जा रहा है। निलंबित किए गए छात्र के साथियों ने शुक्रवार की नमाज के बाद विश्वविद्यालय परिसर में फिर से धार्मिक नारे लगाए और अपने साथी का निलंबन रद्द किए जाने की मांग की।
निलंबित छात्र वाहिदुज्जमा का निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए उसके साथियों ने ‘अल्लाह-हू-अकबर और नारा-ए-तकबीर’ के नारे भी लगाए। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में शुक्रवार की नमाज के बाद जामा मस्जिद से बाबा सैयद गेट तक एक विरोध मार्च निकाला और विश्वविद्यालय प्रशासन को एक ज्ञापन भी सौंपा।
क्या है पूरा मामला
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम के दौरान कुछ छात्रों के धार्मिक नारे लगाने का वीडियो वायरल हुआ था। एनसीसी कैडेट की ड्रेस में 'अल्लाह हू अकबर' और 'नारा ए तकबीर' के नारे लगाते हुए वीडियो वायरल होने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्र वाहिदुज्जमा को निलंबित कर दिया था। बाद पुलिस ने उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की थी।
इसी मामले में निलंबन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना था कि कानून के हिसाब ऐसी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए ऐसे में वाहिदुज्जमा निलंबन वापस हो। मामले के बाद एएमयू के प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम अली ने घटनाक्रम की पुष्टि की और कहा कि छात्र अपने मन की बात कहने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन उन्हें कानून का पालन करना चाहिए।
बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पिछले कुछ दिनों से चर्चा में है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग से संबंधित पोस्टर विश्वविद्यालय परिसर में लगाए गए थे जिसपर भी काफी विवाद हुआ था। हालांकि बाद में एमयू के प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम अली ने कहा था कि पोस्टर किसी बाहरी व्यक्ति ने लगाए थे। उसमें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र शामिल नहीं थे।