लॉकडाउनः दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर नजर आ रही लोगों की घर जाने के लिए जद्दोजहद

By भाषा | Published: May 23, 2020 04:22 PM2020-05-23T16:22:52+5:302020-05-23T16:22:52+5:30

ईद के मौके पर मोहम्मद सनी और उसका दोस्त मोहम्मद दानिश सभी विपरीत परिस्थितियों से जूझते हुए किसी भी तरह बिहार के अररिया जिले में अपने घर पहुंचना चाहते हैं। मगर दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर लोगों की घर जाने के लिए जद्दोजहद साफ़ नजर आ रही है।

Struggle for people to go home on the Delhi-Uttar Pradesh border | लॉकडाउनः दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर नजर आ रही लोगों की घर जाने के लिए जद्दोजहद

‘‘अगर अल्ला हमें घर पहुंचाना चाहते हैं तो हम जरूर पहुंचेंगे।’’  (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsटैक्सी चालकों से घर पहुंचाने के अनुरोध बेकार साबित हो रहे हैं क्योंकि वे जितना पैसा मांग रहे हैं, वो वाजिब नहीं है।दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर शुक्रवार को प्रवासी कामगारों के जीवन के कई दृश्यों में ये तस्वीरें भी शामिल हैं।

नई दिल्ली: अपने सामान से भरा झोला और पीठ पर बैग लादे मोहम्मद सनी और उसका दोस्त मोहम्मद दानिश सभी विपरीत परिस्थितियों से जूझते हुए किसी भी तरह ईद के मौके पर बिहार के अररिया जिले में अपने घर पहुंचना चाहते हैं। शाहजहांपुर निवासी आदेश सिंह, उनकी पत्नी और तीन बच्चे तीन दिन पहले दक्षिण दिल्ली में अपने घर से निकले थे लेकिन गांव पहुंचने की कोशिश अब तक सफल नहीं हुई। 

टैक्सी चालकों से घर पहुंचाने के अनुरोध बेकार साबित हो रहे हैं क्योंकि वे जितना पैसा मांग रहे हैं, वो वाजिब नहीं है। दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर शुक्रवार को प्रवासी कामगारों के जीवन के कई दृश्यों में ये तस्वीरें भी शामिल हैं। आदेश सिंह की पत्नी मंजू सिंह ने बताया, ‘‘हम छतरपुर के पास रहते हैं और तीन दिन पहले वहां से निकले थे। हम पैदल निकले और सड़क किनारे रुकते रहे। रास्ते में लोगों ने हमें खाना दिया तो हम जीवित हैं। अब हम घर पहुंचना चाहते हैं। हम दिल्ली में नहीं रह सकते।’’ 

यह परिवार सीमापार कराने के लिए यूपी गेट पर टैक्सी मिलने का इंतजार कर रहा है। उनके 12, 9 और 8 साल के तीनों बच्चे साधारण मास्क पहने हुए हैं। वहीं आदेश और उनकी पत्नी ने कपड़े से मुंह और नाक ढक रखे हैं। इस दौरान पुलिस वालों को कई प्रवासियों से लौटने को कहते सुना जा सकता है जो दिल्ली-उप्र की सीमा की तरफ पैदल बढ़ रहे हैं। अनेक लोग लौट गए लेकिन सनी और दानिश कहते हैं, ‘‘अगर अल्ला हमें घर पहुंचाना चाहते हैं तो हम जरूर पहुंचेंगे।’’ 

दोनों दिल्ली के एक रसायन कारखाने में काम करते हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद उन्हें काम से निकाल दिया गया और दिल्ली में रहना उनके लिए मुश्किल हो गया। सनी ने कहा, ‘‘हमारे पास किराया देने या खाना खरीदने के लिए पैसा नहीं है। हमें अभी घर जाना है। हमारे पास और विकल्प ही क्या है।’’ दानिश ने आरोप लगाया कि सरकार ने गरीबों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। भारत में ईद चांद दिखने के आधार पर इस रविवार या सोमवार को मनाई जाएगी। 

Web Title: Struggle for people to go home on the Delhi-Uttar Pradesh border

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