1998 में राजस्थान से चोरी हुई थी भगवान शिव की दुर्लभ मूर्ति, लंदन से आज वापस आ रही है भारत, पढ़ें क्यों खास है ये प्रतिमा
By पल्लवी कुमारी | Published: July 30, 2020 08:19 AM2020-07-30T08:19:52+5:302020-07-30T08:20:29+5:30
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के घाटेश्वर मंदिर से चुराई गई नटराज शिव/नटेश शिव की मूर्ति को 1998 से भी पहले चुराने की कई बार कोशिश की गई है। 2017 में पुष्टी हुई थी कि ये चुराई गई प्रतिमा भारत की है।
नई दिल्ली: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के घाटेश्वर मंदिर से फरवरी 1998 में भगवान शिव यानी नटराज या नटेश शिव की मूर्ति चोरी हो गई थी। ये नटेश शिव की मूर्ति गुरुवार (30 जुलाई) को भारत वापस आ रही है। ये नटेश शिव की की मूर्ति 2005 में लंदन से बरामद हुई थी। ये नटेश शिव की मूर्ति 9वीं शताब्दी की है। जो आज भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को मिलेगी।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक राजस्थान की 9वीं शताब्दी के उत्तरार्ध की 'प्रतिहार' शैली में बनाई गई 4 फुट ये शिव की ऊंची प्रतिमा 1998 में राजस्थान के बरौली के घाटेश्वर मंदिर से चुराई गई थी।
इस प्रतिमा को लेकर यूनाइटेड किंगडम को किया गया था सतर्क
रिपोर्ट के मुताबिक जब नटराज की प्रतिमा को यूनाइटेड किंगडम (UK) में तस्करी कर लाया गया था, तो ब्रिटिश अधिकारियों को 2003 में सतर्क किया गया था। उन्होंने एक निजी कलेक्टर के साथ बातचीत की, जिसने इसे अपने अधिकार में कर लिया था और बाद में इसे अपनी इच्छा से 2005 में भारतीय उच्चायोग को लौटा दिया था।
2017 में जांच की गई और पुष्टी हुई की ये भारत की मूर्ति है
2005 में यह नटेश शिव की मूर्ति इंडिया हाउस में प्रमुखता से प्रदर्शित की गई। 2017 के अगस्त में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) एक्सपर्ट्स की एक टीम ने मूर्ति की जांच की और पुष्टि की कि यह वही मूर्ति है जिसे बरोली गांव के घाटेश्वर मंदिर से चुराया गया था।
1998 से पहले भी किया गया था इस मूर्ति को चुराने की कोशिश
रिपोर्ट के मुताबिक 1998 से पहले भी नटेश शिव की मूर्ति को चुराने की कोशिश की गई थी। लेकिन चोरी नहीं हो पाई थी।1998 में इसे जब चोरी किया गया तो लंदन के एक प्राइवेट म्यूजियम को इसे बेच दिया गया था। मूर्ति का एक पैर और एक हाथ टूट गया है।
जानें भारत ने हाल ही में कौन-कौन सी दुर्लभ मूर्तियां बरामद की हैं
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) विभाग ने हाल गी में 17वीं शताब्दी की कृष्ण की कांस्य मूर्ति बरामद की है। वहीं दूसरी शताब्दी का चूना पत्थर का नक्काशीदार स्तंभ की आकृति भी बरामद की है। चूना पत्थर का नक्काशीदार स्तंभ 15 अगस्त, 2019 को अमेरिकी दूतावास ने भारत को सौंपा था।
वहीं 15 अगस्त, 2018 को स्कॉटलैंड यार्ड ने 12वीं शताब्दी की बुद्ध की कांस्य प्रतिमा और एक ब्रम्हा-ब्राह्मणी मूर्ति को भी भारत को सौंपा था। ब्रम्हा-ब्राह्मणी मूर्ति गुजरात की वर्ल्ड हेरिटेज साइट रानी के महल से चुराई गई थी।