नई दिल्ली, 12 फरवरी। जम्मू-कश्मीर के शोपियां में हुई गोलीबारी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मेजर आदित्य के खिलाफ अगली सुनवाई तक एफआईआर दर्ज करने पर रोक लगा दी है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर सरकार को नोटिस भेजकर दो हफ्ते में जवाब मांग है।
शोपियां पथरावः फौजियों के बच्चों ने खटखटाया NHRC का दरवाजा, तो रक्षा मंत्रालय से मांगी रिपोर्ट
मामला क्या था?
27 जनवरी शोपियां के गनोवपोरा गांव में सेना के काफिला पर हमला हुआ था, जिसके बाद सेना ने हवाई फायरिंग की थी। इस हवाई फायरिंग में दो आम नागरिकों की जान चली गई थी। जिसके बाद जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घटना की जांच का आदेश दिया था। जांच के बाद मेजर आदित्य कुमार समेत दस गढ़वाल राइफल्स के जवान पर धारा 302 और धारा 307 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
मामला बढ़ा तो सेना के जवानों के बच्चे आगे आए, जिन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) का दरवाजा खटखटाया और और सेना के जवानों के मानवाधिकारों के हनन की शिकायत दर्ज करवाई।
जिसके बाद शुक्रवार (9 फरवरी) को मानवाधिकार आयोग ने पथराव की घटनाओं में जवानों के मानवाधिकारों के हनन की शिकायत पर रक्षा मंत्रालय से चार सप्ताह में वास्तविक रिपोर्ट देने के लिए कहा था।
आयोग ने रक्षा मंत्रालय और सरकार से कहा है कि चूंकि उन्हें घाटी की असल स्थिति की जानकारी होगी, इसलिए सारे तथ्यों सहित एक वास्तविक रिपोर्ट जमा कराई जाए। जिससे यह पता चल सके कि सैन्य जवानों के मानवाधिकार की हालत क्या है। आयोग ने यह कदम सेना के अधिकारियों के तीन बच्चों की शिकायत का संज्ञान लेते हुए उठाया है।