बिहार की शराबबंदी नीति से प्रभावित हुआ राजस्थान, अध्ययन के लिए गहलोत सरकार ने किया समिति गठित

By भाषा | Published: December 10, 2019 02:01 PM2019-12-10T14:01:25+5:302019-12-10T14:01:25+5:30

मलिक ने बताया कि अध्ययन के लिए गठित समिति में अतिरिक्त आबकारी आयुक्त सी आर देवासी, उदयपुर के आबकारी अधिकारी राजेंद्र पारीक, बाड़मेर के जिला आबकारी अधिकारी संजय सिंह, जोधपुर के सहायक आबकारी अधिकारी गजेंद्र सिंह राजपुरोहित व आबू रोड के आबकारी निरीक्षक ईश्वर सिंह चौहान सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि समिति पांच सात दिन बिहार में रहेगी और वहां की शराबबंदी नीति व इससे जुड़े लोगों अधिकारियों से चर्चा करेगी।

State floats panel to study impact of liquor ban in Bihar | बिहार की शराबबंदी नीति से प्रभावित हुआ राजस्थान, अध्ययन के लिए गहलोत सरकार ने किया समिति गठित

बिहार की शराबबंदी नीति से प्रभावित हुआ राजस्थान, अध्ययन के लिए गहलोत सरकार ने किया समिति गठित

Highlightsराजस्थान के आबकारी आयुक्त विष्णु चरण मलिक ने ‘भाषा’ को बताया कि इस बारे में गठित पांच सदस्यीय समिति बुधवार से बिहार के अध्ययन दौरे पर रहेगी।आबकारी नीति के प्रावधानों के तहत शराबबंदी की मांग से जुड़े व्यावहारिक पहलुओं को लेकर अक्टूबर महीने में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ विभागीय समीक्षा हुई थी।

राजस्थान सरकार ने बिहार में लागू शराबबंदी नीति का अध्ययन करवाने का फैसला किया और इसके लिए अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है जो बुधवार को वहां जा रही है। राजस्थान के आबकारी आयुक्त विष्णु चरण मलिक ने ‘भाषा’ को बताया कि इस बारे में गठित पांच सदस्यीय समिति बुधवार से बिहार के अध्ययन दौरे पर रहेगी। समिति बिहार में लागू की गयी शराबबंदी नीति और इसके विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करेगी और उसके सकारात्मक व नकारात्मक पहलुओं के बारे में विस्तृत रपट उन्हें सौंपेगी।

मलिक ने बताया कि अध्ययन के लिए गठित समिति में अतिरिक्त आबकारी आयुक्त सी आर देवासी, उदयपुर के आबकारी अधिकारी राजेंद्र पारीक, बाड़मेर के जिला आबकारी अधिकारी संजय सिंह, जोधपुर के सहायक आबकारी अधिकारी गजेंद्र सिंह राजपुरोहित व आबू रोड के आबकारी निरीक्षक ईश्वर सिंह चौहान सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि समिति पांच सात दिन बिहार में रहेगी और वहां की शराबबंदी नीति व इससे जुड़े लोगों अधिकारियों से चर्चा करेगी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आबकारी नीति के प्रावधानों के तहत शराबबंदी की मांग से जुड़े व्यावहारिक पहलुओं को लेकर अक्टूबर महीने में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ विभागीय समीक्षा हुई थी।

उसके बाद इस तरह की समिति गठित करने का फैसला किया गया है। उल्लेखनीय है कि राज्य के राजस्व में आबकारी से मिलने वाली आय का बड़ा हिस्सा है। वित्त वर्ष 2019-20 में इस मद से 10,500 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य रखा गया है और मलिक के अनुसार नवंबर माह तक 5500 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व इस मद में मिल चुका है। इस बीच राज्य में शराबबंदी की मांग को लेकर जन आंदोलन चला रही पूनम छाबड़ा ने राज्य सरकार के इस कदम का स्वागत किया है।

साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई है कि समिति राज्य में भी शराबबंदी को लेकर कुछ सकारात्मक सिफारिश अपनी रपट में करेगी। उल्लेखनीय है कि छाबड़ा के ससुर व पूर्व विधायक गुरशरण छाबड़ा ने राजस्थान में शराबबंदी को लेकर लंबा आंदोलन चलाया था और इसी मांग को लेकर आमरण अनशन के दौरान ही उनका निधन हो गया था। 

Web Title: State floats panel to study impact of liquor ban in Bihar

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