स्टालिन का योगी पर पलटवार, उप्र में महिलाओं के विरूद्ध यौन अपराधों का दिया हवाला
By भाषा | Updated: April 1, 2021 17:15 IST2021-04-01T17:15:20+5:302021-04-01T17:15:20+5:30

स्टालिन का योगी पर पलटवार, उप्र में महिलाओं के विरूद्ध यौन अपराधों का दिया हवाला
कोयंबटूर (तमिलनाडु), एक अप्रैल द्रमुक प्रमुख एम. के. स्टालिन ने बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें दूसरी पार्टियों के शासनकाल पर महिलाओं की सुरक्षा में नाकाम रहने का आरोप लगाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
स्टालिन ने कहा कि सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार के रिकार्ड ब्यूरो के मुताबिक महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ सर्वाधिक संख्या में अत्याचार तथा यौन उत्पीड़न की घटनाएं उत्तर प्रदेश से दर्ज की गई हैं।
उन्होंने कि उस राज्य के मुख्यमंत्री महिलाओं के मुद्दे पर द्रमुक पर आरोप लगा रहे हैं।
स्टालिन ने शहर के कौंदाम्पलायम में एक चुनाव सभा में कहा, ‘‘द्रमुक पर आरोप लगाने के लिए योगी (आदित्यनाथ) के पास क्या नैतिक अधिकार है।’’
द्रमुक प्रमुख ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री जे जयलिता की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत का ब्योरा नहीं मांगा, जबकि वह भी एक महिला थी। उन्होंने द्रमुक-कांग्रेस शासन काल के समय की महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक चुनावी रैली में उठाये जाने का जिक्र करते हुए यह कहा।
इस बीच, द्रमुक उम्मीदवारों के पक्ष में वोट मांगने के लिए यहां मेत्तुपालयम में एक सभा में स्टालिन ने प्रधानमंत्री से मदुरै में प्रस्तावित एम्स की स्थिति वहां जाकर देखने का अनुरोध किया, जब वह दो अप्रैल को वह चुनाव प्रचार के लिए शहर का दौरा करेंगे।
उन्होंने मोदी को याद दिलाया कि एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) की घोषणा 2015 के बजट में की गई थी और शिलान्यास 2017 में प्रधानमंत्री ने खुद किया था।
स्टालिन ने दावा किया कि तब से वहां कोई प्रगति नहीं हुई है। उन्होंने प्रधानमंत्री से इलाके का दौरा करने और खुद से प्रस्तावित अस्पताल की स्थिति देखने को कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि आपको नींव में डाली गई ईंट वहां नहीं मिलती है, तो अधिकारी कह सकते हैं कि उदयनिधि (स्टालिन के बेटे) उसे उखाड़ ले गये।’’
उदयनिधि एम्स लिखी हुई एक ईंट के साथ मुदैरे में और इसके आसापास के इलाकों में चुनाव प्रचार कर रहे हैं।
स्टालिन ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी पर भी निशाना साधा और कहा कि मोदी के साथ मंच साझा करने के दौरान तमिलनाडु और इसकी आबादी की समस्याओं पर स्पष्टीकरण मांगने का क्या उनमें साहस है।
उन्होंने सवाल किया कि क्या पलानीस्वामी संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) का विरोध करने और मोदी से इसे वापस लेने की मांग करने का साहस रखते हैं। क्या वह मोदी से तमिलनाडु को नीट से छूट देने और केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने को कह सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इसी तरह से मुख्यमंत्री को मोदी से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषी करार दिये गये सात व्यक्तियों को रिहा करने के लिए तमिलनाडु के राज्यपाल को आदेश जारी करने के लिए कहना चाहिए।
स्टालिन ने कहा कि मुख्यमंत्री को मोदी से यह भी पूछना चाहिए कि श्रीलंका के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद प्रस्ताव पर मतदान से भारत सरकार दूर क्यों रही।
द्रमुक प्रमुख ने कहा, ‘‘मोदी साम्प्रदायिक नफरत फैला कर द्रविड़ भूमि पर पैर जमाने की कोशिश कर रहे हैं, वह भूमि जहां पेरियार, अन्नादुरई और करूणानिधि जन्में हैं।
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