वरिष्ठ साहित्यकार महेश कटारे को वर्ष 2019 का श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान

By भाषा | Published: November 22, 2019 06:45 PM2019-11-22T18:45:07+5:302019-11-22T20:39:47+5:30

इस पुरस्कार के तहत सम्मानित साहित्यकार को एक प्रतीक चिह्न, प्रशस्ति पत्र तथा 11 लाख रुपये की राशि का चैक प्रदान किया जाता है। कटारे का जन्म 1948 में मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में एक निम्न मध्यवर्गीय किसान-परिवार में हुआ।

Srilal Shukla Smriti IFFCO Sahitya Samman for the year 2019 to senior litterateur Mahesh Katare | वरिष्ठ साहित्यकार महेश कटारे को वर्ष 2019 का श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान

कटारे का जन्म 1948 में मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में एक निम्न मध्यवर्गीय किसान-परिवार में हुआ।

Highlightsकटारे को यह सम्मान 31 जनवरी, 2020 को नयी दिल्ली में एक समारोह में प्रदान किया जाएगा।प्रसिद्ध व्यंग्यकार एवं साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल की स्मृति में वर्ष 2011 में शुरू किया गया।

हिन्दी के वरिष्ठ साहित्यकार महेश कटारे को वर्ष 2019 का श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान दिया जाएगा। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने कटारे के नाम का चयन इस पुरस्कार के लिए किया है।

कटारे को यह सम्मान 31 जनवरी, 2020 को नयी दिल्ली में एक समारोह में प्रदान किया जाएगा। इस पुरस्कार के तहत सम्मानित साहित्यकार को एक प्रतीक चिह्न, प्रशस्ति पत्र तथा 11 लाख रुपये की राशि का चैक प्रदान किया जाता है। कटारे का जन्म 1948 में मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में एक निम्न मध्यवर्गीय किसान-परिवार में हुआ।

‘‘समर शेष है’’, ‘‘इतिकथा अथकथा’’, ‘‘मुर्दा स्थगित’’, ‘‘पहरुआ’’, ‘‘छछिया भर छाछ’’, ‘‘सात पान की हमेल’’, ‘‘फागुन की मौत’’, ‘‘मेरी प्रिय कथाएँ’’, ‘‘गौरतलब कहानियाँ’’ (कहानी संग्रह); ‘‘महासमर का साक्षी’’, ‘‘अँधेरे युगान्त के’’, ‘‘पचरंगी, विभाजन‘‘ (नाटक); ‘‘पहियों पर रात दिन’’, ‘‘देस बिदेस दरवेश’’ (यात्रावृत्त); ‘‘कामिनी काय कांतारे’’, ‘‘काली धार’’, ‘‘भर्तृहरि’’, ‘‘काया के वन में’’ (उपन्यास); उनकी प्रमुख प्रकाशित कृतियॉं हैं। उन्हें मध्य प्रदेश साहित्य परिषद, बिहार राजभाषा परिषद सहित अनेक साहित्यिक, सॉंस्कृतिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।

प्रसिद्ध व्यंग्यकार एवं साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल की स्मृति में वर्ष 2011 में शुरू किया गया यह सम्मान प्रत्येक वर्ष ऐसे हिन्दी लेखक को दिया जाता है जिसकी रचनाओं में मुख्यत: ग्रामीण व कृषि जीवन तथा हाशिए के लोग, विस्थापन आदि से जुड़ी समस्याओं, आकांक्षाओं और संघर्षों का चित्रण किया गया हो। इससे पहले यह सम्मान विद्यासागर नौटियाल, शेखर जोशी, संजीव, मिथिलेश्वर, अष्टभुजा शुक्ल, कमलाकांत त्रिपाठी, रामदेव धुरंधर और रामधारी सिंह दिवाकर को प्रदान किया गया है। 

Web Title: Srilal Shukla Smriti IFFCO Sahitya Samman for the year 2019 to senior litterateur Mahesh Katare

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