केरल चुनाव में श्रीधरन का खास प्रभाव होने की संभावना नहीं, भाजपा गंभीर दावेदार नहीं: थरूर

By भाषा | Published: February 21, 2021 04:50 PM2021-02-21T16:50:07+5:302021-02-21T16:50:07+5:30

Sreedharan unlikely to have significant influence in Kerala election, BJP not serious contender: Tharoor | केरल चुनाव में श्रीधरन का खास प्रभाव होने की संभावना नहीं, भाजपा गंभीर दावेदार नहीं: थरूर

केरल चुनाव में श्रीधरन का खास प्रभाव होने की संभावना नहीं, भाजपा गंभीर दावेदार नहीं: थरूर

(आसिम कमाल)

नयी दिल्ली, 21 फरवरी ऐसे में जब ई. श्रीधरन ने भाजपा में शामिल होने का फैसला करके राजनीतिक अखाड़े में उतरने की घोषणा कर दी है तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर का कहना है कि केरल के आगामी विधानसभा चुनाव पर इस ‘टेक्नोक्रेट’ का प्रभाव ‘‘न्यूनतम’’ होने की संभावना है।

थरूर ने रविवार को इसके साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि भाजपा केरल की कुछ सीटों को छोड़कर इस चुनाव में एक गंभीर दावेदार नहीं है।

थरूर ने यह भी कहा कि भाजपा के लिए 2016 के राज्य विधानसभा चुनाव में एक सीट जीतने के अपने प्रदर्शन में सुधार करना बहुत मुश्किल होगा और केरल चुनाव पर श्रीधरन का सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव उनके भाजपा में शामिल होने की घोषणा होगा।

थरूर ने पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि वह इस घोषणा पर आश्चर्यचकित थे कि श्रीधरन राजनीति के अखाड़े में उतरने और भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि श्रीधरन का प्रवेश उनके लिए एक आश्चर्य के तौर पर सामने आया है क्योंकि ‘टेक्नोक्रेट’ ने अपना लंबा समय इंजीनियरिंग परियोजनाओं को अंजाम देने में बिताया है, लोकतंत्र में नीतियों को बनाने या लागू करने में नहीं। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक बहुत ही अलग दुनिया है।’’

यह पूछे जाने पर कि केरल विधानसभा चुनावों में श्रीधरन का क्या प्रभाव पड़ सकता है, तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने कहा, ‘‘चूंकि उनकी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि या अनुभव नहीं है, मुझे लगता है कि उनका प्रभाव न्यूनतम होगा।’’

थरूर ने कहा, ‘‘जब मैं 53 साल की उम्र में राजनीति में आया, तो मैंने महसूस किया कि मैं जिस तरह के प्रभाव में सक्षम हूं उसके लिए मैंने बहुत देर कर दी थी। मैं ऐसे व्यक्ति के बारे में क्या कह सकता हूं जो 88 साल का हो?’’

इस सवाल पर कि क्या श्रीधरन का प्रवेश केरल के चुनावों को तीन तरफा मुकाबला बनाएगा और एलडीएफ और यूडीएफ के साथ-साथ भाजपा एक गंभीर दावेदार के रूप में उभरेगी, उन्होंने कहा कि भाजपा मुट्ठी भर सीटों को छोड़कर कोई गंभीर दावेदार नहीं है और पिछली बार जीती हुई एक सीट के प्रदर्शन में सुधार करना पार्टी के लिए बहुत मुश्किल होगा।

64 वर्षीय पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘(श्रीधरन के) प्रभाव का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा खुद ही यह घोषणा होगी।’’

श्रीधरन ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह भाजपा में शामिल होकर राजनीति के मैदान में उतरेंगे। उन्होंने पिछले सप्ताह पीटीआई-भाषा से कहा था कि अगर भाजपा चाहे तो वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और यदि पार्टी कहे तो वह मुख्यमंत्री पद के लिए भी तैयार हैं।

‘मेट्रोमैन’ के रूप में जाने जाने वाले और बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पूरा करने में कुशल माने जाने वाले 88 वर्षीय ‘टेक्नोक्रेट’ ने यह भी कहा है कि उनका मुख्य उद्देश्य भाजपा को केरल में सत्ता में लाने में मदद करना है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में श्रीधरन के प्रवेश को केरल में पार्टी के लिए एक प्रमुख प्रोत्साहन के रूप में देखा जा रहा है। पिछले कई वर्षों से एलडीएफ और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने बारी-बारी से राज्य में शासन किया है।

थरूर ने कहा कि यूडीएफ में केरल के भविष्य के लिए एक नया आख्यान बनाने की प्रतिभा, अनुभव और रचनात्मक ऊर्जा है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं जिस चीज पर काम कर रहा हूं, वह सबसे ऊपर ‘‘लोगों का घोषणापत्र’’ है- न केवल इस बारे में कि कांग्रेस केरल के लोगों के लिए क्या करेगी, बल्कि केरल के लोग क्या चाहते हैं और कांग्रेस से क्या करने के लिए उम्मीद करते हैं।’’

कांग्रेस ने थरूर को यूडीएफ के चुनावी घोषणापत्र में विभिन्न प्रासंगिक मुद्दों को लाने की जिम्मेदारी दी है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए लोगों से सुझाव और जानकारी मांगना महत्वपूर्ण है, यह कि उन्हें उनके जीवन में क्या कमी लगती है, जो एक ग्रहणशील और समावेशी सरकार प्रदान करने का प्रयास करे।’’

थरूर ने कहा कि अंतिम उत्पाद में 21 वीं सदी के केरल के लिए एक दृष्टि प्रतिबिंबित होनी चाहिए और राज्य के लिए कुछ व्यावहारिक दिशानिर्देश देने चाहिए ताकि इसकी वास्तविक क्षमता को विकसित किया जा सके और राज्य एक प्रगतिशील और आत्मनिर्भर राज्य के तौर पर विकसित हो, अपने लोगों, विशेष रूप से युवाओं को प्रचुर अवसर प्रदान करते हुए।

उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने 'टॉक टू थरूर' अभियान को यूडीएफ के लिए रचनात्मक विचारों, जिम्मेदार शासन और हमारे लोगों की आकांक्षाओं को बढ़ाने के लिए केरल के लोगों की साहस और आत्मविश्वास से सेवा करने के अवसर के रूप में देखते हैं।’’

थरूर ने कहा कि यह दुखद है लेकिन यह सच है कि केरल के लोग केरल की तुलना में कहीं ज्यादा आसानी से दुनिया में हर जगह फलते-फूलते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें केरल में केरलवासियों को पनपने से रोकने वाली बाधाओं को दूर करना चाहिए। यूडीएफ में भविष्य के लिए एक नया आख्यान बनाने की प्रतिभा, अनुभव और रचनात्मक ऊर्जा है।’’

140 सदस्यीय केरल विधानसभा के लिए चुनाव इस साल अप्रैल-मई में होने की संभावना है।

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