सोशल मीडिया पर एक्टिव थे भय्यूजी महाराज, ख़ुदकुशी से पहले बताया था मासिक शिवरात्री का महत्व
By मेघना वर्मा | Published: June 12, 2018 03:51 PM2018-06-12T15:51:27+5:302018-06-12T15:51:27+5:30
उन्होंने अपने अनुयाइयों को बताया कि हर महीने पड़ने वाले इस शिवरात्री का क्या महत्व है और इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से क्या फल मिलता है।
इंदौर, 12 जून: जाने-माने आध्यात्मिक गुरू और सामाजिक कार्यकर्ता भय्यूजी महाराज ने मंगलवार को खुद को गोली मार ली। भय्यूजी महाराज जितने सर्तक अपने राजनीति और सामाजिक क्षेत्र में थे उतने ही सक्रीय वह अपने सोशल हैंडल पर भी थे। अपनी मौत के 8 घंटे पहले ही एक पोस्ट करके उन्होंने अपने अनुयाइयों को मासिक शिवरात्री के बारे में जानकारी दी थी।
इस पोस्ट में उन्होंने शिव की एक फोटो के साथ जाप और शिवरात्रि के मायने बताये। उन्होंने अपने अनुयाइयों को बताया कि हर महीने पड़ने वाले इस शिवरात्री का क्या महत्व है और इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से क्या फल मिलता है। आपको बता दें कि भय्यूजी महाराज के फेसबुक पेज पर उन्हें ढ़ाई हजार लोग फॉलो करते हैं।
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आप भी जानें क्या है मासिक शिवरात्री
शिवरात्रि हिन्दुओं के मुख्य पर्वों में से एक है जिसे केवल 1 या 2 क्षेत्रों में ही नहीं अपितु पुरे देश भर में बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। ऐसे तो वर्ष में एक बार मनाई जाने वाली महाशिवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है परन्तु इसके अतिरिक्त भी साल में 12 शिवरात्रि आती है जो प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। हर माह आने वाली शिवरात्रि को मासिक शिवरात्रि कहा जाता है।
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मनचाहे व्रत की होती है प्राप्ति
महाशिवरात्रि का व्रत तो महत्वपूर्ण होता ही है परन्तु हर माह आने वाली मासिक शिवरात्रि का व्रत भी बेहद प्रभावशाली माना जाता है। कहते हैं मासिक शिवरात्रि में व्रत रखने से सभी मनोमनाएं पूर्ण होती है। और लड़कियों को मनचाहे वर की प्रप्ति होती है।
क्या है पूरा मामला
भय्यूजी महाराज उन पांच संतों में एक हैं, जिन्हें कुछ महीनों पहले मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। भय्यू महाराज की जिंदगी बेहद चर्चा में रही है। वे पहले मॉडल रहे हैं और पिछले साल ही उन्होंने अपनी पहली पत्नी के देहांत के बाद एक डॉक्टर से दूसरी शादी करी थी। पहले विवाह से उनकी एक बेटी है जो इस समय पुणे में पढाई कर रही है। उनकी पहचान आध्यात्मिक गुरु के तौर पर हुई। उनकी आत्महत्या कारण पारिवारिक कलह बताया जा रहा है।