वाजपेयी सरकार ने कानून बदलकर गांधी परिवार को सुरक्षा दी, अब बदले की भावना से काम कर रहे हैं मोदी-शाह: वेणुगोपाल
By विनीत कुमार | Published: November 8, 2019 06:24 PM2019-11-08T18:24:11+5:302019-11-08T18:27:54+5:30
गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस लेकर सीआरपीएफ की ‘जेड प्लस’ सुरक्षा दिये जाने का फैसला किया गया है। सरकार ने इस साल अगस्त में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा हटायी थी।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल और बेटी प्रियंका गांधी से एसपीजी सुरक्षा हटाने के फैसले को कांग्रेस निजी बदले की भावना से प्रेरित बताया है। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को निजी बदले की भावना के चलते कुछ नजर नहीं आ रहा है।
वेणुगोपाल ने कहा कि गांधी परिवार से राजनीतिक प्रतिशोध के चलते एसपीजी सुरक्षा वापस ली गई है। केसी वेणुगोपाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से कहा, 'भारत के दो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की हत्या की गई। ये अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी जिसने कानून में बदलाव किया और इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के परिवार को सुरक्षा देने का प्रावधान रखा। मोदी और शाह ने अब इसे बदल दिया है।'
KC Venugopal, Congress: Two former PMs of India, Indira Gandhi and Rajiv Gandhi were murdered & it was Atal Bihari Vajpayee who amended the law to give the family of Indira Gandhi and Rajiv Gandhi, the SPG cover. Modi & Shah have undone it now. https://t.co/XxFwIsuhVPpic.twitter.com/AeEpY391sn
— ANI (@ANI) November 8, 2019
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने भी कहा कि बीजेपी निजी स्तर पर बदला लेने के स्तर पर उतर आयी है। गौरतलब है कि गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस लेकर सीआरपीएफ की ‘जेड प्लस’ सुरक्षा दिये जाने का फैसला किया गया है।
सरकार ने इस साल अगस्त में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा हटायी थी। संसद की ओर से 1988 में लागू एसपीजी कानून को शुरुआत में केवल देश के प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्रियों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए बनाया गया था।
राजीव गांधी की हत्या के बाद पूर्व प्रधानमंत्रियों के करीबी परिजनों को इस सुरक्षा घेरे में शामिल करने के लिए कानून में संशोधन किया गया जिससे सोनिया गांधी के साथ-साथ उनके बच्चों को एसपीजी सुरक्षा मिलने का मार्ग प्रशस्त हुआ। देश में प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए अलग बल बनाने की जरूरत तब महसूस की गई जब 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गाधी की उनके अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी।
(भाषा इनपुट के साथ)