स्पेशल रिपोर्ट: शिवसेना को मनाने की कोशिश करेगी BJP, नहीं मानने पर लेगी अंतिम निर्णय, ऐसे बना सकती है सरकार
By संतोष ठाकुर | Published: November 1, 2019 08:26 AM2019-11-01T08:26:07+5:302019-11-01T08:26:07+5:30
भाजपा आलाकमान इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि राज्य में शिवसेना अगर चाहेगी तो भी वह अलग जाकर सरकार नहीं बनाएगी.
महाराष्ट्र में सरकार गठन में चल रही रस्साकशी के बीच भाजपा आलाकमान ने स्पष्ट किया है कि वह राज्य में युति से ही सरकार बनाना चाहती है. उसका मकसद वहां पर युक्ति से सरकार बनाने का नहीं है. यही वजह है कि वह शिवसेना के साथ लगातार संपर्क में है और उनसे अनुरोध कर रहे हैं कि वह विचारधारा से अलग जाने को लेकर विचार न करें.
हालांकि एक वरिष्ठ भाजपा पदाधिकारी ने कहा कि राजनीति में अंतिम निर्णय लेने का भी एक वक्त आता है. अगर ऐसी कोई स्थिति आती है तो उस समय हम समान विचारधारा वाले विधायकों से संपर्क कर आगे की रणनीति पर भी विचार कर सकते हैं. ऐसा करने से पहले भी शिवसेना के साथ एक बार अंतिम दौर की वार्ता की जाएगी.
सूत्रों के मुताबिक भाजपा आलाकमान इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि राज्य में शिवसेना अगर चाहेगी तो भी वह अलग जाकर सरकार नहीं बनाएगी. इसकी वजह यह है कि उसे सरकार बनाने के लिए राकांपा और कांग्रेस की जरूरत होगी. इन दोनों ही दल का विचारधारा के मोर्चे पर शिवसेना के साथ टकराव रहा है. जबकि भाजपा और शिवसेना की एक ही विचारधारा है.
एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि शिवसेना हमारी सबसे पुरानी सहयोगी है. ऐसे में हमें उम्मीद है कि शिवसेना ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी जो इस पुरातन युक्ति में दरार लाने का कार्य करे. जहां तक उनकी ओर से अधिक प्रभावी मंत्रालय देने की मांग है, उस पर हमने विचार करने का आश्वासन दिया है. साथ ही अन्य राज्यों में किए गए प्रयोग के तौर पर यहां पर भी उप-मुख्यमंत्री के पद को लेकर चर्चा की जा सकती है.
सरकार में मंत्रालयों के लिहाज से महत्व तय होता है. अगर उन्हें मंत्रालयों के आवंटन को लेकर शिकायत रही है तो उसे दूर किया जा सकता है. अगर सरकार नहीं बनती है तो इसका मुख्य नुकसान शिवसेना को ही होगा. क्योंकि राज्य की जनता के सामने यह साफ हो जाएगा कि सत्ता के लिए किसने युति को तोड़ा है. हम एक बार फिर से शिवसेना से अनुरोध कर रहे हैं कि वह बातचीत के लिए आगे आए. जिससे सरकार बनाने को लेकर सहमति बनाने का कार्य किया जा सके.