भारत से विदा हुआ दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून, 1975 के बाद सातवीं बार सर्वाधिक विलंब से हुई रवानगी

By भाषा | Published: October 25, 2021 04:54 PM2021-10-25T16:54:52+5:302021-10-25T16:54:52+5:30

Southwest Monsoon departs from India, delayed departure for the seventh time since 1975 | भारत से विदा हुआ दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून, 1975 के बाद सातवीं बार सर्वाधिक विलंब से हुई रवानगी

भारत से विदा हुआ दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून, 1975 के बाद सातवीं बार सर्वाधिक विलंब से हुई रवानगी

नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून ने सोमवार को देश से विदाई ले ली । 1975 के बाद मॉनसून की यह सातवीं बार सर्वाधिक विलंब से हुई रवानगी है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने एक बयान में कहा, ‘‘देश के अधिकतर हिस्सों में वर्षा की गतिविधि में उल्लेखनीय कमी के साथ दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून आज (25 अक्टूबर, 2021) को देश से चला गया। इसके साथ ही, निचले क्षोभमंडल स्तरों में उत्तर-पूर्वी हवाओं के बनने से दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में आज पूर्वोत्तर मॉनसून की बारिश शुरू हो गई।’’

इसने कहा, ‘‘दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून 2021 की देश से रवानगी 1975-2021 के दौरान (25 अक्टूबर को या उसके बाद) सातवीं बार सर्वाधिक विलंब से हुई है।’’

आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, 2010 और 2021 के बीच दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून 25 अक्टूबर को या उसके बाद पांच बार- 2017, 2010, 2016, 2020 और 2021 में देश से गया है।

दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून की छह अक्टूबर को पश्चिमी राजस्थान और उससे सटे गुजरात से रवानगी शुरू हो गई थी जो 1975 के बाद से दूसरी बार सबसे अधिक देरी से हुई रवानगी थी।

उत्तर पश्चिमी भारत से दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून आमतौर पर 17 सितंबर से विदा लेना शुरु करता है।

आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 28 सितंबर, 2019 में नौ अक्टूबर, 2018 में 29 सितंबर, 2017 में 27 सितंबर और 2016 में 15 सितंबर को मॉनसून की रवानगी शुरू हुई थी।

देश में जून से सितंबर तक चार महीने के दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून के दौरान "सामान्य" वर्षा हुई।

यह लगातार तीसरा वर्ष है जब देश में सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। 2019 और 2020 में भी बारिश सामान्य से अधिक रही।

पूरे देश में जून में 110 फीसदी, जुलाई और अगस्त में क्रमश: 93 और 76 फीसदी बारिश हुई। ये ऐसे महीने हैं जिनमें सबसे ज्यादा बारिश होती है। हालांकि, जुलाई और अगस्त की कमी की भरपाई सितंबर में हो गई जिसमें दीर्घकालिक औसत अवधि (एलपीए) की 135 फीसदी बारिश दर्ज की गई।

दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून दो दिन के विलंब से तीन जून को केरल पहुंचा था। यह 15 जून तक तेजी से भारत के मध्य, पश्चिमी, पूर्वी, पूर्वोत्तर और दक्षिणी हिस्सों में पहुंच गया था।

उस समय यह उत्तर भारत के कई हिस्सों में, यहां तक ​​​​कि अपने अंतिम पड़ाव बिन्दुओं- बाड़मेर और जैसलमेर तक भी पहुंच गया था। हालांकि, तब मानसूनी हवाएं दिल्ली, हरियाणा के कुछ हिस्सों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक नहीं पहुंच पाई थीं।

इसके बाद इसमें एक ठहराव देखा गया और फिर आईएमडी के पूर्वानुमानों के विपरीत यह अपनी सामान्य शुरुआत की तारीख के पांच दिन बाद, 13 जुलाई को दिल्ली, हरियाणा के कुछ हिस्सों तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक पहुंच गया था।

आईएमडी के अनुसार, अक्टूबर से दिसंबर तक दक्षिणी राज्यों में वर्षा लाने वाले पूर्वोत्तर मानसून के सामान्य रहने की संभावना है।

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Web Title: Southwest Monsoon departs from India, delayed departure for the seventh time since 1975

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