सोनम वांगचुक -40 डिग्री की ठंड में आज से 5 दिनों के अनशन पर, लद्दाख पर बोले- ऑल इज नॉट वेल, जानिए क्या है पूरा मामला

By विनीत कुमार | Published: January 26, 2023 01:09 PM2023-01-26T13:09:48+5:302023-01-26T13:14:41+5:30

सोनम वांगचुक ने 26 जनवरी से पांच दिन के लिए अनशन की शुरुआत कर दी। सोनम वांगचुक ये अनशन खारदुंग ला पर कर रहे हैं, जहां तापमान अभी -40 डिग्री सेल्सियस है।

Sonam Wangchuk on fast for 5 days from 26 January in -40 degree in Ladakh | सोनम वांगचुक -40 डिग्री की ठंड में आज से 5 दिनों के अनशन पर, लद्दाख पर बोले- ऑल इज नॉट वेल, जानिए क्या है पूरा मामला

-40 डिग्री में सोनम वांगचुक का अनशन (फोटो- वीडियो ग्रैब)

Highlightsलद्दाख में जलवायु परिवर्तन और इससे हो रहे नुकसान को लेकर सोनम वांगचुक का अनशन।सोनम वांगचुक ये अनशन खारदुंग ला पर कर रहे हैं, जहां तापमान अभी -40 डिग्री सेल्सियस है।वांगचुक ने देश भर के लोगों को भी उनके साथ मिलकर 24 घंटे का अनशन करने का आह्वान किया है।

लेह: पूरा भारत आज 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस बीच गुरुवार से ही लद्दाख के शिक्षा सुधारक और पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक ने पांच दिन के अनशन की शुरुआत कर दी है। सोनम वांगचुक ये अनशन 18000 फीट की ऊंचाई पर स्थित खारदुंग ला पर कर रहे हैं, जहां तापमान अभी -40 डिग्री सेल्सियस है। वांगचुक ने कुछ दिन पहले ही एक वीडियो जारी कर देश भर के लोगों को उनके साथ मिलकर 24 घंटे का अनशन करने का भी आह्वान किया था।

वांगचुक क्यों कर रहे हैं अनशन?

ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने, अन्य जलवायु परिवर्तन और उससे होने वाली तबाही से चिंतित वांगचुक ने इस विषय पर ध्यान खींचने के लिए अनशन करने का फैसला किया है। वह लद्दाख के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र और अनियंत्रित विकास से हो रहे नुकसान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं।

कुछ दिनों पहले वांगचुक ने एक यूट्यूब वीडियो के माध्यम से भी अपनी बात रखी थी। इसमें कहा गया था, 'लद्दाख में सब ठीक नहीं है।' साथ ही पीएम मोदी से लद्दाख के 'मन की बात' तत्काल सुनने की तत्काल की गई थी।

वांगचुक ने बुधवार को एक अन्य वीडियो में कहा, 'लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद, इसने बड़े पैमाने पर पतन देखा है। अकेले पर्यटन पारिस्थितिक क्षेत्र के लिए अत्यधिक विषैला साबित हुआ है। लद्दाख में 6 लाख पर्यटक आए, जो इसकी स्थानीय आबादी का दोगुना है। कल्पना कीजिए कि उद्योग और खनन इसका क्या करेंगे!'

वांगचुक ने छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि छठी अनुसूची में कहा गया है कि अगर किसी इलाके की 50 फीसदी आबादी जनजाति हो तो उसे अनुसूची 6 में शामिल किया जाएगा, लेकिन लद्दाख में जनजाति 95 फीसदी है, फिर भी उसे अब तक अनुसूची में शामिल नहीं किया गया।

Web Title: Sonam Wangchuk on fast for 5 days from 26 January in -40 degree in Ladakh

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