कभी-कभी टिकट कंफर्म कर पाना संभव नहीं होता, मंत्री और सांसद को भी ना कहना पड़ता हैः गोयल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 20, 2019 07:12 PM2019-11-20T19:12:23+5:302019-11-20T19:12:23+5:30

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘‘हालांकि, सांसदों द्वारा स्वयं की यात्रा के लिये प्राप्त अनुरोधों को पूरा किया जाता है। लेकिन उनके द्वारा स्वयं के अतिरिक्त किसी अन्य व्यक्ति के लिये अग्रसारित किये गये अनुरोधों के मामले में, मांग उपलब्धता से अधिक होने के कारण ऐसे सभी अनुरोधों को समाहित करना कभी-कभार व्यावहारिक नहीं होता।’’

Sometimes it is not possible to confirm the ticket, the minister and MP do not even have to say: Goyal | कभी-कभी टिकट कंफर्म कर पाना संभव नहीं होता, मंत्री और सांसद को भी ना कहना पड़ता हैः गोयल

जहां कहीं संभव और अपेक्षित होता है, ट्रेनों के डिब्बों की संख्या बढ़ाई जाती है।

Highlightsयह कोटा प्राथमिकता के आधार पर और लंबे समय से चली आ रही परिपाटी के आधार पर जारी किया जाता है।उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाली ट्रेनों सहित सभी रेलगाड़ियों की प्रतीक्षा सूची की नियमित रूप से निगरानी की जाती है।

सरकार ने बुधवार को स्वीकार किया कि सांसदों द्वारा किसी अन्य व्यक्ति के लिये किये गये सभी अनुरोधों को ‘उपलब्धता से अधिक मांग होने’ के कारण पूरा कर पाना कभी-कभार संभव नहीं होता है।

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में सदस्यों के प्रश्नों के लिखित उत्तर में कहा, ‘‘उच्च पदाधिकारी मांगपत्र (एचओआर) धारकों (जिनमें केंद्र सरकार के मंत्री, उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश शामिल हैं), सांसदों एवं प्रतीक्षा सूची की अन्य तत्काल आवश्यकताओं और अन्य आकस्मिक मांगों को पूरा करने के लिये विभिन्न ट्रेनों तथा विभिन्न श्रेणियों में आपातकालीन कोटे के रूप में बर्थों/सीटों की संख्या निर्धारित की गई है। यह कोटा प्राथमिकता के आधार पर और लंबे समय से चली आ रही परिपाटी के आधार पर जारी किया जाता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, सांसदों द्वारा स्वयं की यात्रा के लिये प्राप्त अनुरोधों को पूरा किया जाता है। लेकिन उनके द्वारा स्वयं के अतिरिक्त किसी अन्य व्यक्ति के लिये अग्रसारित किये गये अनुरोधों के मामले में, मांग उपलब्धता से अधिक होने के कारण ऐसे सभी अनुरोधों को समाहित करना कभी-कभार व्यावहारिक नहीं होता।’’

दरअसल, रेल मंत्री से यह प्रश्न किया गया था, ‘‘क्या सरकार को इस बात की जानकारी है कि होली, दशहरा, दिवाली और छठ पर्व के अवसर पर उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाली ट्रेनों में प्रतीक्षा सूची टिकटों को संसद सदस्यों के अनुरोध पर भी कंफर्म नहीं किया जाता, जिस कारण (संसद) सदस्यों को अपने रिश्तेदारों के समक्ष शर्मिंदा होना पड़ता है।’’

मंत्री ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाली ट्रेनों सहित सभी रेलगाड़ियों की प्रतीक्षा सूची की नियमित रूप से निगरानी की जाती है और जहां कहीं संभव और अपेक्षित होता है, ट्रेनों के डिब्बों की संख्या बढ़ाई जाती है, विशेष ट्रेनें चलाई जाती है, नई ट्रेनें चलाई जाती हैं। 

Web Title: Sometimes it is not possible to confirm the ticket, the minister and MP do not even have to say: Goyal

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