महाराष्ट्र के किसान ने 512 किलो प्याज बेचने के लिए 70 किलोमीटर की कर डाली यात्रा, मिला 2 रुपये का चेक

By विनीत कुमार | Published: February 24, 2023 03:25 PM2023-02-24T15:25:36+5:302023-02-24T15:29:23+5:30

महाराष्ट्र के सोलापुर जिले से एक अजीबोगरीब वाकया समने आया है। एक किसान को 512 किलो प्याज बेचने के बाद दो रुपये का चेक मिला। जानिए क्या है पूरा मामला...

Solapur Maharashtra farmer travels 70 km to sell 512 kg onions, gets Rs 2 check | महाराष्ट्र के किसान ने 512 किलो प्याज बेचने के लिए 70 किलोमीटर की कर डाली यात्रा, मिला 2 रुपये का चेक

512 किलो प्याज बेचने के एवज में मिला दो रुपये का चेक (फाइल फोटो)

Highlightsमहाराष्ट्र के सोलापुर जिले के बरशी तालुका के एक गांव के किसान से जुड़ा मामला।महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में प्याज के बंपर पैदावार के बाद थोक कीमतों में भारी गिरावट आई है।देश के सबसे बड़े प्याज मंडी नासिक के लासलगांव एपीएमसी में थोक प्याज की कीमतें दो महीनों में लगभग 70% गिर गई हैं।

सोलापुर: महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के बरशी तालुका के एक गांव बोरगांव के रहने वाले 58 वर्षीय किसान राजेंद्र तुकाराम चव्हाण ने हाल ही में 512 किलोग्राम प्याज की बिक्री के लिए 70 किलोमीटर की यात्रा की। वे इतनी दूरी तय कर सोलापुर एपीएमसी पहुंचे थे। यहां पहुंचने के बाद उन्हें गिरी हुई कीमतों की वजह से अपनी उपज को महज 1 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचना पड़ा।

हैरान करने वाली बात ये रही कि प्याज को ले जाने और बेचने तक में हुए खर्च आदि की तमाम कटौतियों के बाद चव्हाण का शुद्ध लाभ बमुश्किल 2.49 रुपये रहा और उन्हें 2 रुपये का पोस्ट-डेटेड चेक मिला, जिसे वह 15 दिनों के बाद भुना पाएंगे। 49 पैसे की शेष राशि चेक में नहीं दिखाई गई थी क्योंकि बैंक के लेनदेन आमतौर पर राउंड फिगर में होते हैं। अब बची हुई राशि को चव्हाण को सीधे व्यापारी से लेना होगा।

'500 किलो प्याज उगाने में लगे 40 हजार रुपये'

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार चव्हाण ने बताया, 'मुझे प्याज के लिए 1 रुपये प्रति किलो मिला। एपीएमसी व्यापारी ने 512 रुपये की कुल राशि से 509.50 रुपये परिवहन शुल्क, हेड-लोडिंग और वजन शुल्क आदि में काट लिया।' चव्हाण ने बताया कि पिछले साल उनकी कमाई 20 रुपये प्रति किलो हुई थी। उन्होंने आगे कहा, 'बीज, उर्वरक और कीटनाशकों की कीमत पिछले 3-4 सालों में दोगुनी हो गई है। मैंने इस बार सिर्फ 500 किलो प्याज उगाने के लिए लगभग 40,000 रुपये खर्च कर दिए।'

चव्हाण से प्याज खरीदने वाले सोलापुर एपीएमसी के व्यापारी नासिर खलीफा ने 2 रुपये का पोस्ट-डेटेड चेक जारी करने के पीछे के बारे में कहा, 'हमने रसीद और चेक जारी करने की प्रक्रिया को कम्प्यूटरीकृत कर दिया है। इसलिए, चव्हाण का चेक पोस्ट-डेटेड था। राशि कोई भी हो, यह एक सामान्य प्रक्रिया है। हमने पहले भी ऐसी छोटी राशि के चेक जारी किए हैं।' 

सूर्या ट्रेडर्स के मालिक नासिर ने आगे कहा, 'बिक्री के लिए लाए गए प्याज निम्न गुणवत्ता के थे। पहले चव्हाण उच्च गुणवत्ता वाले प्याज लाए थे जो 18 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचे गए थे। बाद में वह एक और खेप लाए, जिससे उन्हें 14 रुपये प्रति किलो मिला। कम गुणवत्ता वाले प्याज की आमतौर पर मांग नहीं होती हैं।' चेक नासिक के एक रिश्तेदार द्वारा जारी किए गए थे, जिसके बैंक खाते से सूर्या ट्रेडर्स से संबंधित लेन-देन होते हैं।

प्याज की बंपर पैदावार से रेट में जबर्दस्त गिरावट

जानकारों के अनुसार, किसानों को एक उपज में 25% से अधिक उच्च गुणवत्ता नहीं मिलती है। उपज का लगभग 30% मध्यम गुणवत्ता का है और शेष निम्न श्रेणी का होता है। बहरहाल, महाराष्ट्र और अन्य सभी प्याज उत्पादक राज्यों में प्याज की बंपर फसल से थोक कीमतों में गिरावट आई है। ऐसे में राज्य भर में चव्हाण जैसे किसान अपनी उत्पादन लागत भी वसूल करने को लेकर संशय में हैं। देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी नासिक के लासलगांव एपीएमसी में थोक प्याज की कीमतें पिछले दो महीनों में लगभग 70% गिर गई हैं।

हालांकि, किसानों के पास अब उपज की चल रही दरों पर बेचने के अलावा कोई विकल्प भी नहीं है क्योंकि करीब एक महीने बाद इसमें आने सड़ने लगती है। आंकड़े बताते हैं कि नासिक के लासलगांव मंडी में आने वाले प्याज की मात्रा जो दिसंबर में लगभग 15,000 क्विंटल प्रतिदिन थी, अब दोगुनी होकर 30,000 क्विंटल प्रतिदिन हो गई है। आलम ये है कि लासलगांव में प्याज का औसत थोक मूल्य 26 दिसंबर, 2022 को 1,850 रुपये प्रति क्विंटल से गिरकर अब 23 फरवरी, 2023 तक 550 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।

किसान कर रहे हैं मुआवजे की मांग

सामने आई जानकारी के अनुसार कुछ हफ्ते पहले बोरगांव ग्राम पंचायत की ओर से राज्य सरकार को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने की मांग की गई थी। पत्र में प्याज उत्पादकों को हुए नुकसान के लिए मुआवजे और भविष्य में उपज के लिए एक सुनिश्चित मूल्य तय करने की भी मांग की गई है। ग्राम पंचायत के सदस्यों, जिनमें कई किसान हैं, उन्होंने अपनी चिंताओं का समाधान न होने पर आत्मदाह करने की भी धमकी दी। हालांकि दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी उन्हें सरकार से कोई जवाब इस संबंध में नहीं मिला है।

 

Web Title: Solapur Maharashtra farmer travels 70 km to sell 512 kg onions, gets Rs 2 check

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