संगठित आंदोलन के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों को जड़ से मिटाना चाहिए: विजयन
By भाषा | Published: August 28, 2021 07:11 PM2021-08-28T19:11:56+5:302021-08-28T19:11:56+5:30
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने समाज में निहित जातिवाद, सांप्रदायिकता और आर्थिक असमानता जैसे खतरों को समाप्त करने के लिए राजनीतिक दृढ़ता के साथ एक संगठित आंदोलन की आवश्यकता पर शनिवार को बल दिया। उन्होंने समाज सुधारक दिवंगत अय्यंकाली की जयंती के अवसर पर एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘ये सामाजिक बुराइयां अभी भी देश की प्रगति और लोगों के शांतिपूर्ण जीवन के लिए चुनौतियां पेश कर रही हैं।’’ उन्होंने कहा कि अय्यंकाली (1863-1941) दलितों की उन्नति के लिए काम करने वाले एक समाज सुधारक थे। उन्होंने कहा कि जातिवाद, सांप्रदायिकता और आर्थिक असमानताएं अभी भी देश की प्रगति और लोगों के शांतिपूर्ण जीवन के लिए चुनौतियां खड़ी कर रही हैं। विजयन ने कहा, ‘‘हम इन बुराइयों को दूर करके ही वर्तमान सामाजिक समस्याओं का पूर्ण समाधान पा सकते हैं। इस तरह के खतरों को जड़ से खत्म करने के लिए एक दृढ़ राजनीतिक विश्वास के साथ एक संगठित आंदोलन किया जाना चाहिए।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि अय्यंकाली उन महान हस्तियों में अग्रणी थे, जिन्होंने तत्कालीन समाज में व्याप्त सामंतवाद, जाति व्यवस्था और कुरीतियों के अंधेरे पर पुनर्जागरण का प्रकाश डालकर दक्षिणी राज्य में आधुनिकता के युग की शुरुआत की थी। उन्होंने न केवल दलितों के लिए, बल्कि महिलाओं, किसानों और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के अधिकारों के लिए भी लड़ाई लड़ी। एक अन्य फेसबुक पोस्ट में, उन्होंने एक हिंदू संत और समाज सुधारक चट्टंबी स्वामी (1853-1924) के योगदान को भी याद किया, जिन्हें राज्य में पुनर्जागरण आंदोलन के अग्रदूतों में से एक माना जाता है। उन्होंने उनकी जयंती के अवसर पोस्ट में कहा, ‘‘केरल के पुनर्जागरण काल का इतिहास चट्टंबी स्वामीकल के योगदान का उल्लेख किए बिना नहीं लिखा जा सकता है।
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