निर्भया: स्मृति ईरानी का केजरीवाल सरकार पर हमला, कहा- AAP की वजह से फांसी में देरी, धिक्कार है इनपर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 17, 2020 03:38 PM2020-01-17T15:38:36+5:302020-01-17T15:41:30+5:30
गृह मंत्रालय ने मुकेश सिंह की दया याचिका राष्ट्रपति के पास 16 जनवरी की रात को भेजी थी। मंत्रालय ने याचिका को अस्वीकार करने की दिल्ली के उप राज्यपाल की सिफारिश दोहराई थी।
निर्भया गैंगरेप पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने केजरीवाल सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की वजह से दोषियों को फांसी मिलने में देरी हो रही है। आप पार्टी पर धिक्कार है। ईरानी ने कहा निर्भया की मां आशा देवी के संघर्ष को सलाम करती हूं। उन्होंने रेप दोषियों की फांसी पर आप सरकार राजनीति कर रही है। पीड़िता की मां को न्याय से वंचित रखा गया है। ईरानी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए यह बात कही।
निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले में चारों दोषियों में एक दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी है। राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज करते हुए दोषियों की फांसी की सजा बरकरार रखने की सिफारिश की है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय 16 जनवरी 2020 की रात दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका राष्ट्रपति को भेजी थी। दोषी मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव पिटिशन खारिज होने के बाद राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी थी। दोषी मुकेश की डेथ वारंट रद्द होने पर आज दिल्ली कोर्ट में भी सुनवाई है।
गृह मंत्रालय ने मुकेश सिंह की दया याचिका राष्ट्रपति के पास 16 जनवरी की रात को भेजी थी। मंत्रालय ने याचिका को अस्वीकार करने की दिल्ली के उप राज्यपाल की सिफारिश दोहराई थी। दिल्ली के उप राज्यपाल ने गुरुवार को मुकेश सिंह की दया याचिका गृह मंत्रालय को भेजी थी। इसके एक दिन पहले दिल्ली सरकार ने याचिका अस्वीकार करने की सिफारिश की थी।
दोषी मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव पिटिशन खारिज होने के बाद राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी थी। दिल्ली पटियाला कोर्ट ने चारों दोषियों.. मुकेश सिंह (32), विनय शर्मा (26), अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन गुप्ता (25) को सुनाई गई मौत की सजा पर अमल का आदेश ‘डेथ वॉरंट’ सात जनवरी को जारी किया था। हालांकि, दोषी मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित होने के कारण गुरुवार को दिल्ली कोर्ट ने कहा कि 22 जनवरी को फांसी नहीं दी जा सकती है।