तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान से आए अफगानों को राहत पहुंचाने में जुटे सिख संगठन

By भाषा | Published: August 23, 2021 09:36 PM2021-08-23T21:36:47+5:302021-08-23T21:36:47+5:30

Sikh organizations engaged in providing relief to Afghans who came from Afghanistan after the capture of Taliban | तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान से आए अफगानों को राहत पहुंचाने में जुटे सिख संगठन

तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान से आए अफगानों को राहत पहुंचाने में जुटे सिख संगठन

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद देश छोड़कर भारत आ रहे अफगान नागरिकों को राहत पहुंचाने की पहल दिल्ली-एनसीआर के सिख मानवतावादी संगठनों ने की है। हेमकुंट फाउंडेशन, खालसा एड इंटरनेशनल और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) जैसे संगठन अफगानिस्तान से आए लोगों के रहने से लेकर उनके बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था करने में मदद के लिए आगे आए हैं। डीएसजीएमसी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘भारत आ रहे अफगानों के पुनर्वास के लिए जो कुछ किया जा सकता है वह किया जाएगा....चाहे उनके रहने की व्यवस्था हो या किसी तरह की वित्तीय सहायता की जरूरत।’’ उन्होंने बताया कि सोमवार रात से दिल्ली में मौजूद कमेटी के अतिथि गृह अपना देश छोड़कर आने को मजबूर हुए अफगानों के लिए उपलब्ध रहेंगे। सिरसा ने कहा,‘‘लोगों का आना सोमवार से शुरू हुआ है और उनके लिए बंगला साहिब गुरुद्वारा में रहने की व्यवस्था की गई है।’’ गौरतलब है कि अफगानिस्तान में खराब हुए हालात के बाद से भारत पिछले एक हफ्ते से लोगों को काबुल से निकाल रहा है। रविवार को भारतीय वायुसेना का परिवहन विमान सी-17 काबुल से 168 लोगों को लेकर दिल्ली के नजदीक गाजियाबाद के हिंडन एयर बेस पहुंचा। इन लोगों में 23 अफगान सिख और हिंदू हैं। अफगानिस्तान में उत्पन्न मौजूदा स्थिति के मद्देनजर भारत आ रहे अफगानों के रहने के लिए हेमकुंट फाउंडेशन ने गुरुग्राम में तंबुओं का शहर बसाया है जो किसानो के सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन के लिए लगाए तंबुओं की तरह हैं। हेमकुंट फाउंडेशन में समुदाय विकास निदेशक हरतीरथ सिंह ने बताया कि इन तंबुओं में 500 लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है और मंगलवार से यह चालू हो जाएगा। उन्होंने बताया, ‘‘ हम अपने तंबुओं के शहर में केवल कानूनी रूप से आ रहे अफगान शरणार्थियों को भोजन और रहने की सुविधा देंगे। महिलाओं के लिये स्थायी ढांचे में रहने की व्यवस्था की गई है जबकि पुरुषों को वाटरप्रूफ तंबू में रखा जाएगा जिसमें कूलर, पानी, भोजन और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था होगी।’’ उन्होंने कहा कि फाउंडेशन धर्म और जाति से परे सभी अफगानों को स्वीकार करेगा लेकिन पहले उनके पासपोर्ट और वीजा की जांच की जाएगी। इसी तरह के प्रयास खालसा एड इंटरनेशनल भी कर रहा है। वह जल्द ही अफगानिस्तान से आने वाले लोगों के लिए हेल्पलाइन की शुरुआत करेगा ताकि भारत आने पर वे संगठन से संपर्क कर सके। खालसा एड के निदेशक अमरप्रीत सिंह ने कहा, ‘‘निवास के साथ उनके बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था हमारे द्वारा की जाएगी।

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Web Title: Sikh organizations engaged in providing relief to Afghans who came from Afghanistan after the capture of Taliban

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