Sidhu Moosewala Murder: मान सरकार ने नेताओं, तख्त जत्थेदारों और अधिकारी समेत 424 VIP की सुरक्षा ली थी वापस, देखें लिस्ट

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 29, 2022 09:03 PM2022-05-29T21:03:21+5:302022-05-29T21:10:08+5:30

Sidhu Moosewala Murder: मानसा के सिविल सर्जन डॉक्टर रंजीत राय ने बताया कि सिविल अस्पताल लाए जाने से पहले ही पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की मौत हो चुकी थी। कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने हत्या पर स्तबधता और आक्रोश व्यक्त किया है।

Sidhu Moosewala Murder punjab government taken security 424 VIPs including leaders Takht Jathedars and officers see list | Sidhu Moosewala Murder: मान सरकार ने नेताओं, तख्त जत्थेदारों और अधिकारी समेत 424 VIP की सुरक्षा ली थी वापस, देखें लिस्ट

भगवंत मान सरकार द्वारा सुरक्षा वापस लेने के 2 दिन बाद ही उन्हें मानसा में गोलियों से भून दिया गया। पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने नैतिक अधिकार खो दिया है। इसे बर्खास्त किया जाना चाहिए।

Highlightsआम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर निशाना साधा।कांग्रेस पार्टी और पूरे देश के लिए एक भयानक सदमे की तरह है।कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा कि विश्वास नहीं हो रहा है।

Sidhu Moosewala Murder: पंजाब के मानसा जिले में मशहूर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई। राज्य सरकार द्वारा मूसेवाला की सुरक्षा वापस लिये जाने के एक दिन बाद यह घटना हुई है। 27 वर्षीय मूसेवाला को कई गोलियां लगीं। हमले के समय गांव में अपनी जीप में थे।

पंजाब पुलिस ने शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ सिद्धू मूसेवाला समेत 424 लोगों की सुरक्षा शनिवार को वापस ले ली थी। मूसेवाला विधानसभा चुनाव से पहले पिछले साल कांग्रेस में शामिल हुए थे। मूसेवाला ने हाल में हुए विधानसभा चुनाव में मानसा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार डॉक्टर विजय सिंगला से हार गए थे।

पंजाब पुलिस ने पूर्व विधायकों, दो तख्तों के जत्थेदारों, डेरा प्रमुखों और पुलिस अधिकारियों समेत कुल 424 लोगों की सुरक्षा वापस लेने का आदेश दिया था। पंजाब के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सुरक्षा) ने, हालांकि शुक्रवार को जारी आदेश में कहा है कि सुरक्षाकर्मियों को आकस्मिक कानून एवं व्यवस्था ड्यूटी के सिलसिले में अस्थायी तौर पर वापस लिया जा रहा है।

सुरक्षा खोने वाले सिख धर्म के प्रमुख पदाधिकारियों में बठिंडा में तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह हैं। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ही अकाल तख्त के जत्थेदार का भी प्रभार संभालते हैं। अकाल तख्त सिखों की धार्मिक सत्ता का प्रमुख केंद्र है। जिन लोगों से पुलिस सुरक्षा वापस ली जाएगी, उनमें आनंदपुर साहिब जिले में तख्त केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह, जालंधर में डेरा सचखंड बल्लां के प्रमुख संत निरंजन दास, भैनी साहिब, लुधियाना के सतगुरु उदय सिंह नामधारी, अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के प्रमुख ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह शामिल हैं।

जगराओं के गुरुद्वारा नानकसर कलेरां वाले के बाबा लाखा सिंह और जालंधर में कहना ढेसियां, गोराया के डेरा प्रमुख संत तरमिंदर सिंह की सुरक्षा भी वापस ले ली गयी है। डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास के 10 पुलिसकर्मियों, डेरा दिव्य ज्योति जागृति संस्थान, नूरमहल के नौ पुलिसकर्मियों और शाही इमाम पंजाब, मोहम्मद उस्मान लुधियानवी की सुरक्षा के लिए तैनात छह पुलिसकर्मियों को भी हटा लिया गया है।

जिन विधायकों की सुरक्षा वापस ली गई है, उनमें मजीठा सीट से शिरोमणि अकाली दल की विधायक गनीवे कौर मजीठिया, जालंधर छावनी से कांग्रेस विधायक परगट सिंह और लुधियाना उत्तर से आम आदमी पार्टी के विधायक मदन लाल बग्गा भी शामिल हैं।

कांग्रेस के पूर्व विधायक कुलजीत सिंह नागरा, बलविंदर सिंह लड्डी, हरमिंदर गिल, मदन लाल जलालपुर, सुरजीत धीमान, हरदयाल कंबोज और सुखपाल भुल्लर के अलावा भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के पूर्व विधायक दिनेश बब्बू, शरणजीत सिंह ढिल्लों, कंवरजीत सिंह और गुरप्रताप सिंह वडाला की सुरक्षा भी वापस ले ली गयी है। कई शीर्ष पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा भी वापस ली गयी है।

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