सरकारी एजेंसियां और बैंक इंसान को निराशा में डाल सकती हैं, मेरे साथ क्या हो रहा है आप देख सकते हैंः माल्या
By भाषा | Published: July 31, 2019 06:27 PM2019-07-31T18:27:32+5:302019-07-31T18:27:32+5:30
ट्वीट में लिखा , " पश्चिमी देशों में , सरकार और बैंक कर्जदारों को कर्ज चुकाने में मदद करते हैं। मेरे मामले में वह कर्ज अदायगी में हर तरह से रोड़ा अटकाने की कोशिश कर रही हैं और मेरी संपत्तियों को पाने की होड़ में लगी हैं। "
वित्तीय संकट से जूझ रहे शराब कारोबारी विजय माल्या ने कैफे कॉफी डे (सीसीडी) के संस्थापक वी जी सिद्धार्थ की मौत के मामले में भारतीय एजेंसियों और बैंकों पर निशाना साधते हुए उन्हें " दोषी और निर्दयी " करार दिया है।
सिद्धार्थ सोमवार शाम से लापता थे और बुधवार को मंगलुरु के नजदीक नेत्रावती नदी में उनका शव स्थानीय मछुआरों और पुलिस को मिला। माल्या ने अपने ट्वीट में कहा , " मैं वी . जी , सिद्धार्थ से परोक्ष रूप से जुड़ा हुआ हूं। वह एक बढ़िया इंसान और बुद्धिमान उद्यमी थे। मैं उनके खत में लिखी बातों को देखकर टूटा हुआ महसूस कर रहा हूं।
सरकारी एजेंसियां और बैंक किसी भी इंसान को निराशा में डाल सकती हैं। मेरे साथ क्या हो रहा है आप देख सकते हैं। मेरी कर्ज अदायगी की पेशकश के बावजूद मेरे साथ क्या कर रही हैं। ये निंदनीय और निर्मम है। "
I am indirectly related to VG Siddhartha. Excellent human and brilliant entrepreneur. I am devastated with the contents of his letter. The Govt Agencies and Banks can drive anyone to despair. See what they are doing to me despite offer of full repayment. Vicious and unrelenting.
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) July 30, 2019
उल्लेखनीय है कि माल्या, वी.जी. सिद्धार्थ के नजदीकी रिश्तेदार हैं। उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा , " पश्चिमी देशों में , सरकार और बैंक कर्जदारों को कर्ज चुकाने में मदद करते हैं। मेरे मामले में वह कर्ज अदायगी में हर तरह से रोड़ा अटकाने की कोशिश कर रही हैं और मेरी संपत्तियों को पाने की होड़ में लगी हैं। "
In Western Countries, Government and Banks help borrowers repay their debts. In my case they are obstructing every possible effort for me to repay my debt whilst competing for my assets. As far as the prima facie criminal case goes wait for the appeal granted.
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) July 30, 2019
Forget about dealing with markets/suppliers/customers/investors/employees/stake holders. Managing the systematic harassment by the State n it’s pliant agencies is the biggest challenge. IT, ED, CBI, ROC etc are the biggest impediments for ease of business https://t.co/3KOpweDDbC
— Karti P Chidambaram (@KartiPC) July 31, 2019
उल्लेखनीय है कि सिद्धार्थ ने कैफे कॉफी डे (सीसीडी) के निदेशक मंडल को लिखे कथित पत्र में आयकर विभाग पर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया है।