"सिद्धारमैया बेटे को राजनीति में स्थापित करने के लिए मेरे परिवार को फंसा रहे हैं", भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने भाई की गिरफ्तारी के बाद लगाया बेहद गंभीर आरोप
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 1, 2024 09:30 AM2024-01-01T09:30:49+5:302024-01-01T09:38:57+5:30
भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने पेड़ों की अवैध कटाई के कथित आरोप में भाई की गिरफ्तारी के बाद सूबे के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ आक्रमक रवैया अख्तियार करते हुए बेहद गंभीर आरोप लगाया है।
बेंगलुरु: भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रताप सिम्हा ने पेड़ों की अवैध कटाई के कथित आरोप में भाई की गिरफ्तारी के बाद सूबे के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ आक्रमक रवैया अख्तियार करते हुए बेहद गंभीर आरोप लगाया है।
समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने बीते रविवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर बेहद तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि वो "केवल अपने बेटे को राजनीति में स्थापित करने के लिए" उनके परिवार को झूठे केस में फंसाकर निशाना बना रहे हैं।
सांसद प्रताप सिम्हा ने अपने भाई विक्रम सिम्हा की गिरफ्तारी के अगले दिन मीडिया से बात करते हुए दावा किया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया उनके भाई विक्रम सिम्हा को गिरफ्तार करके 2024 में लोकसभा चुनाव में अपने बेटे यतींद्र सिद्धारमैया की जीत का मार्ग प्रशस्त करना चाहते हैं। इसलिए उनके परिवार को के लिए उन्हें निशाना बना रहे हैं।
उन्होंने कहा, "अपने बेटे यतींद्र को लोकसभा के लिए मैसूर से चुनाव लड़ाने और जिताने के लिए सिद्धारमैया इतनी मेहनत कर रहे हैं और अपने बेटे को जिताने के लिए दूसरों पर मुहर लगा रहे हैं। यह वास्तव में किसी को सिद्धारमैया से सीखना होगा। हर किसी को आपके जैसा पिता नहीं मिलेगा।"
प्रताप सिम्हा ने सिद्धारमैया पर निशाना साधते हुए कहा, "आप एक शानदार पिता हैं। हर किसी को आपके जैसा पिता नहीं मिलेगा। अपने बेटे को जिताने के लिए आप इतनी कड़ी मेहनत कर रहे हैं कि प्रताप सिम्हा एक बाधा हैं।"
मालूम हो कि विक्रम सिम्हा को राज्य के हसन जिले के एक गांव में बिना अनुमति के लगभग 126 पेड़ों को काटने और लकड़ी की तस्करी के आरोप में दर्ज मामले के सिलसिले में अधिकारियों ने शनिवार को गिरफ्तार किया था।
विक्रम सिम्हा की गिरफ्तारी बेंगलुरु की सिटी क्राइम ब्रांच के संगठित अपराध दस्ते द्वारा की गई थी, लेकिन बाद में उसकी हिरासत राज्य के वन विभाग के अधिकारियों को स्थानांतरित कर दी गई है। उन्हें रविवार को जमानत पर रिहा कर दिया गया।