मकबूल बट की बरसी पर कश्मीर में हड़ताल, सड़कों पर यातायात नदारद

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: February 11, 2021 16:47 IST2021-02-11T16:45:48+5:302021-02-11T16:47:01+5:30

कश्मीरी अलगाववादी नेता मकबूल बट को 11 फरवरी 1984 को मौत की सज़ा सुनाई गई थी...

Shutdown in Kashmir to mark Maqbool Bhat 37th death anniversary | मकबूल बट की बरसी पर कश्मीर में हड़ताल, सड़कों पर यातायात नदारद

मकबूल बट की बरसी पर कश्मीर में हड़ताल, सड़कों पर यातायात नदारद

जेकेएलएफ के संस्थापक मुहम्मद मकबूल बट की बरसी पर गुरुवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर समेत कश्मीर के कई भागों में आहूत हड़ताल के कारण जन जीवन अस्त व्यस्त रहा। उसे 1984 में आज ही के दिन दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गयी थी। ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर समेत कश्मीर के कई अन्य जिलों में दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे तथा सड़कों पर यातायात नदारद रहा।

कानून-व्यवस्था की किसी भी समस्या को रोकने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किये गये थे। आसपास की सभी दुकानों और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों के बंद रहने के कारण श्रीनगर के पुराने इलाके में स्थित ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में वीराना छाया रहा। ऐतिहासिक मस्जिद के दो मुख्य द्वारों को बंद कर दिया गया था और उनके बाहर सुरक्षा बल के वाहनों को तैनात किया गया था।

श्रीनगर शहर के नल्लामार, जैना कदल, नौहट्टा, फतेह कदल, राजौरी कदल और नवा कदल के दोनों ओर दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे हालांकि सड़कों पर निजी वाहन, तिपहिया वाहन और कुछ कैब नजर आयीं। ऐतिहासिक लाल चौक पर सभी दुकानें बंद रहीं और सड़कों पर यातायात बंद रहा।

इसी तरह हरि सिंह हाई स्ट्रीट, बादशाह चौक, मैसुमा, रीगल चौक, रेजिडेंसी रोड, बटमालू, महराज बाजार और गोनी खान सहित शहर के मुख्य व्यापारिक केंद्रों में भी व्यवसाय और अन्य गतिविधियां प्रभावित रहीं। बैंक और अन्य वित्तीय प्रतिष्ठानों में हालांकि काम-काज जारी रहा।

सार्वजनिक परिवहन के अधिकांश साधन सड़कों से दूर रहे लेकिन निजी वाहन और तीन पहिया वाहन बड़ी संख्या में नजर आये। बटमालू से बटवारा और डल झील के रास्तों पर कई मिनी बसें भी देखी गयीं हालांकि यात्रियों की संख्या बहुत कम थी। नये शहर में भी कमोबेश यही हालात रहें हालांकि सब्जियां और दूध-ब्रेड की कुछ दुकानें खुली रहीं। कई रेहड़ी-पटरी वाले भी सड़क किनारे अपना सामान बेचते दिखे।

साल 1984 में मकबूल बट को तिहाड़ जेल में फांसी दिए जाने के विरोध में अलगाववादियों द्वारा आहूत बंद और प्रदर्शन को देखते हुए कश्मीर के कुछ इलाकों में वाहनों और लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई गई थी। उत्तरी कश्मीर के सोपोर, बारामुल्ला और बांडीपोरा कस्बों से प्राप्त खबरों में भी कहा गया है कि सुरक्षा बलों के जवान यहां यातायात और पदयात्रियों की आवाजाही की अनुमति नहीं दे रहे थे।

Web Title: Shutdown in Kashmir to mark Maqbool Bhat 37th death anniversary

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