Shri Sammed Shikharji: श्री सम्मेद शिखरजी पर बड़ा फैसला, टूरिस्ट प्लेस का दर्जा वापस, सीएम सोरेन ने केंद्र को लिखा पत्र
By एस पी सिन्हा | Published: January 5, 2023 06:43 PM2023-01-05T18:43:23+5:302023-01-05T18:54:26+5:30
Shri Sammed Shikharji: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने केंद्रीय मंत्री पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग भूपेंद्र यादव को पत्र लिखा है।
नई दिल्लीः जैन समुदाय के पवित्र स्थान ‘श्री सम्मेद शिखर जी’ को पर्यटन स्थल घोषित करने के मुद्दे पर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है। केंद्र ने पर्यटन और ईको टूरिज्म पर रोक लगा दी है। सरकार ने एक समिति बनाने का फैसला किया है। केंद्र ने झारखंड सरकार से कहा है कि जैन समुदाय के दो लोगों का शामिल करें।
पारसनाथ पहाड़ी को पर्यटन स्थल घोषित करने वाली झारखंड सरकार की 2019 की अधिसूचना रद्द कर दिया गया है। जैन नेताओं को आशंका है कि पारसनाथ पहाड़ी स्थित श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित करने से आगंतुकों द्वारा शराब और मांसाहारी भोजन का सेवन किया जाएगा, जिससे समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगी।
गिरिडीह जिले में पारसनाथ पहाड़ी स्थित श्री सम्मेद शिखर जी, रांची से लगभग 160 किलोमीटर दूर राज्य की सबसे ऊंची चोटी पर स्थित है। यह जैन समुदाय के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है, जिसमें दिगंबर और श्वेतांबर दोनों संप्रदाय शामिल हैं, क्योंकि 24 जैन तीर्थंकरों में से 20 ने इस स्थान पर मोक्ष प्राप्त किया था।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने केंद्रीय मंत्री पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग भूपेंद्र यादव को पत्र लिख कर जैन अनुयायियों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के अधिसूचना संख्या का०आ० 2795 (अ) दिनांक 02.08.2019 के संदर्भ में समुचित निर्णय लेने का आग्रह किया है।
उन्होंने पत्र के माध्यम से कहा है कि पारसनाथ सम्मेद शिखर पौराणिक काल से जैन समुदाय का विश्व प्रसिद्ध पवित्र एवं पूजनीय तीर्थ स्थल है। पत्र में मुख्यमंत्री सोरेन ने लिखा है कि मान्यता के अनुसार इस स्थान पर जैन धर्म के कुल 24 तीर्थंकरों में से 20 तीर्थकरों द्वारा निर्वाण प्राप्त किया गया है। इस स्थल के जैन धार्मिक महत्व के कारण भारत एवं विश्व के कोने-कोने से जैन धर्मावलंबी इस स्थान का तीर्थ करने आते हैं।
Jharkhand CM Hemant Soren writes a letter to Union Cabinet Minister for Environment Bhupendra Yadav regarding maintaining the sanctity of 'Sammed Shikharji Teerth Kshetra' and taking appropriate decisions pertaining to the site.
— ANI (@ANI) January 5, 2023
झारखण्ड पर्यटन नीति 2021 में पारसनाथ को तीर्थ स्थल मानते हुए इस स्थल को धार्मिक तीर्थ क्षेत्र के रूप में विकसित करने का उल्लेख है। पूर्व में भी इस स्थल की पवित्रता अक्षुण्ण रखने हेतु राज्य सरकार द्वारा प्रतिबद्धता जारी किया गया है।
Ministry of Environment, Forest & Climate change has issued an office of memorandum to the Jharkhand govt saying that Government recognizes its sanctity and significance for the Jain community as well as the Nation at large & reiterates its commitment towards maintaining the same
— ANI (@ANI) January 5, 2023
मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस स्थल के समुचित विकास एवं इस क्षेत्र में व्यावसायिक क्रियाकलापों के विनियमन हेतु राज्य सरकार द्वारा सचिव, पर्यटन की अध्यक्षता में पारसनाथ पर्यटन विकास प्राधिकार गठित है, जिसमें 6 गैर सरकारी निदेशकों को भी सदस्य बनाया जाना है। उक्त प्राधिकार में गैर सरकारी निदेशकों के चयन की कार्रवाई चल रही है।
पत्र के कहा गया है कि वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा उक्त स्थल की पवित्रता व सुचिता को बनाये रखने हेतु गिरिडीह जिला के जिलाधिकारी एवं आरक्षी अधीक्षक को आवश्यक निर्देश जारी किया गया है तथा जारी किये गये निर्देश के आलोक में इस स्थल पर पुलिस गश्ती बढ़ाते हुए इस स्थल की पवित्रता व सुचिता को बनाये रखना सुनिश्चित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने आग्रहपूर्वक कहा है कि वर्तमान में कई जैन अनुयायियों द्वारा इस स्थल की पवित्रता व सुचिता बनाये रखने एवं पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के अधिसूचना संख्या का०आ० 2795 (अ) दिनांक 02.08.2019 को निरस्त करने हेतु आवेदन प्राप्त हुए हैं।
इस अधिसूचना के कंडिका 2.3 (VI) व कंडिका 3 3 ) में पर्यटन सहित पारिस्थितिक पर्यटन का उल्लेख है, जिसपर जैन समुदाय को आपत्ति होने का उल्लेख प्राप्त आवेदनों में दर्ज है। राज्य सरकार जैन धर्मावलंबियों की भावनाओं का संपूर्ण सम्मान करती है एवं उक्त स्थल की पवित्रता अक्षुण्ण रखने के लिए सदैव प्रतिबद्ध है।
अतः उक्त अधिसूचना के कंडिका 2.3(VI) व कंडिका 3(3) के क्रियान्वयन के निमित्त राज्य सरकार के द्वारा अभी तक कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। अतः अनुरोध है कि जैन अनुयायियों से प्राप्त अनुरोध के आलोक में उनके धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के अधिसूचना संख्या का०आ० 2795 (अ) दिनांक 02.08.2019 के संदर्भ में समुचित निर्णय लेने की कृपा की जाए।