1000 टन सोने का सपना देखने वाले संत शोभन सरकार का निधन, अखिलेश यादव ने जताया दुख
By गुणातीत ओझा | Published: May 13, 2020 02:04 PM2020-05-13T14:04:00+5:302020-05-13T15:08:06+5:30
1000 टन सोने का जमीन में दबे होने का सपना देखने वाले संत शोभन सरकार का निधन हो गया है। आज बुधवार को शोभन सरकार के निधन की खबर आई तो उनके भक्तों में शोक की लहर दौड़ गई।
लखनऊ। 1000 टन सोने का जमीन में दबे होने का सपना देखने वाले संत शोभन सरकार का निधन हो गया है। आज बुधवार को शोभन सरकार के निधन की खबर आई तो उनके भक्तों में शोक की लहर दौड़ गई। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी उनके निधन पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, शोभन सरकार ' स्वामी विरक्त आनंद महाराज जी का देहावसान अत्यंत दुःखद! ईश्वर संत आत्मा को शांति एवं उनके लाखों अनुयाइयों को इस कठिन समय में शक्ति प्रदान करे। भावभीनी श्रद्धांजलि!
' शोभन सरकार ' स्वामी विरक्त आनंद महाराज जी का देहावसान अत्यंत दुःखद!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 13, 2020
ईश्वर संत आत्मा को शांति एवं उनके लाखों अनुयाइयों को इस कठिन समय में शक्ति प्रदान करे।
भावभीनी श्रद्धांजलि !
कौन थे शोभन सरकार?
शोभन सरकार का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर(देहात) जिले के शुक्लन पुरवा गांव में हुआ था। इन्होंने बीपीएमजी इंटर कॉलेज मंधाना से पढ़ाई की। मंधाना के लोगों मुताबिक शोभन खाली वक्त में गीता और रामचरिमानस का गहन अध्ययन पेड़ के नीचे बैठकर किया करते थे। हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी करने के 10 साल बाद उन्होंने घर छोड़ दिया और वह स्वामी सत्संगानंद के अनुयायी बन गए। सत्संगानंद के आश्रम में पहले से भी उनके कई अनुयायी रहते थे। आश्रम में सत्संगानंद को लोग बड़े स्वामी कहते थे। शोभन सरकार ने स्वामीजी की छाया में 8 साल तक चिंतन किया।
2013 में शोभन सरकार की पूरी दुनिया में हुई थी चर्चा
बताते चलें कि शोभन सरकार 2013 में काफी चर्चा में रहे थे। कानपुर में रहने वाले संत शोभन सरकार ने सपने में एक हजार टन सोना देखा और बताया था कि कहां छिपा है। बस फिर क्या था। सरकार पूरे जोश में आकर खुदाई में जुट गई थी। संत ने बताया था कि उन्नाव के डोंडिया खेड़ा जिले में खजाना छिपा है। उनके के कहने पर तत्कालीन मनमोहन सरकार ने ऑर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की टीम लगाकार खुदवाई का काम शुरू करवाया था।
कई दिनों तक हुई थी सोने की खोज
शोभन सरकार ने सपना देखा था कि फतेहपुर के रीवा नरेश के किले में शिव चबूतरे के नीचे 1000 टन सोने का खजाना दबा है। संत के सपने के बारे में जब सरकार को पता चला तो उस चबूतरे के पास कई दिनों तक खुदाई चली थी। पूरे देश ही नहीं बल्कि विदेश की मीडिया में भी डोंडिया खेड़ा चर्चा का विषय बन गया था। विदेशों से पत्रकारों की टीमें यहां पहुंची थीं। पूरे देश की मीडिया कई दिनों तक यहां डेरा डाले रही थी।
खजाने के कई दावेदार आने लगे थे सामने
शोभन सरकार के सपन में आए खजाने की खोज शुरू हुई तो इसके कई दावेदार भी सामने आ गए थे। कई लोगों ने राजा के वंशज होने का दावा किया था और उन्नाव में डेरा जमा दिया था। कई ग्रामीणों ने भी सोने पर मालिकाना हक जताया था। खजाना मिले बिना ही केंद्र सरकार ने भी घोषणा कर दी थी कि खजाने पर सिर्फ देशवासियों का अधिकार होगा। समाजवादी पार्टी की तत्कालीन सरकार ने खजाने पर राज्य सरकार का हक बताया था। जब कई दिनों तक खुदाई के बाद भी वहां सोना नहीं निकला तो सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी।