भोपालः मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभालते ही शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना वायरस से लड़ाई लड़ने के लिए आधी रात हाईलेवल मीटिंग बुलाई। बैठक में शिवराज के साथ पुलिस, प्रशासन और चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने कोरोना को हराने की योजना बनाई। उन्होंने सोमवार देर रात कोरोना को महामारी घोषित करते हुए बल्लभ भवन (मंत्रालय) में आयोजित मीटिंग में संक्रमण को रोकने की तैयारियों का जायजा लिया। चौहान ने सोमवार रात ही चौथी प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
मीटिंग खत्म होने के बाद शिवराज सिंह ने आज मंगलवार से भोपाल और जबलपुर में कर्फ्यू की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य के 36 जिलों में लॉकडाउन का सख्ती से पालन होना चाहिए और लोगों से घर पर रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि लोगों के लिए कर्फ्यू और लॉकडाउन के दौरान भी आवश्यक सेवाएं उपलब्ध होंगी।
बताते चलें कि सोमवार की रात विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद शिवराज ने कोरोना के खिलाफ जंग का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था, 'सबसे पहले कोरोना का संकट है। हमारे कार्यकर्ताओं तथा जनता से अपील है कि यह जश्न का समय नहीं है। ये तत्काल काम में जुटने का समय है। कोई घर से बाहर ना निकले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो इच्छा शक्ति दिखाई है उससे जुड़ना है। संपर्क की चेन तोड़ना है। कोई समारोह नहीं होगा। शपथ लेने के तत्काल बाद वल्लभ भवन (प्रदेश मंत्रालय) में बैठ जाउंगा, कोरोना से निपटने के लिए।’ चौहान ने कहा, ‘इस महामारी से निपटना है। पूरी ताकत के साथ मिलकर इस महामारी से निपटेंगे। बीमारी से लड़ेंगे, जुझेंगे और इसे समाप्त करेंगे। फिर से प्रदेश का विकास करेंगे।’
भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार रात को चौथी बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्हें शपथ राज्यपाल लालजी टंडन ने दिलाई। इसी के साथ उन्होंने चौथी बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बनने का इतिहास रच लिया है। उन्होंने अकेले ही शपथ ली। उनके मंत्रिमंडल के किसी भी सदस्य ने आज शपथ नहीं ली। यहां राजभवन में रात नौ बजे हुए शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल टंडन ने उन्हें मुख्यमंत्री के पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। देश एवं विश्व में चल रहे कोरोना वायरस के खतरे के चलते कार्यक्रम को संक्षिप्त एवं सामान्य रखा गया। इसमें निवर्तमान मुख्यमंत्री कमलनाथ के अलावा चुनिंदा विधायक उपस्थित थे।