शिव नवरात्रि: उज्जैन में भगवान महाकाल आज से नौ दिन तक अलग-अलग रूपों में देंगे दर्शन
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: February 13, 2020 04:55 AM2020-02-13T04:55:54+5:302020-02-13T04:55:54+5:30
साल में कुल 12 शिवरात्रियां होती है उसमें फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की रात्रि महाशिवरात्रि के नाम से प्रसिद्ध है। संहार शक्ति व तमोगुण के अधिष्टाता शिव की रात्रि महाशिवरात्रि शिव आराधना की सर्वश्रेष्ठ रात्रि है। इस रात्रि में अनेकानेक आध्यात्मिक शक्तियां जाग्रत होंगी जो वृति के मनोरथों को पूर्ण करेगी।
गुरुवार से श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्र प्रारंभ होकर प्रतिदिन भगवान श्री महाकालेश्वर एवं श्री कोटेश्वर महादेव का अभिषेक-पूजन किया जाएगा। भगवान महाकाल आज गुरुवार 13 फरवरी से 09 दिन तक अलग-अलग रूपों में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे। इस वर्ष शिवरात्रि पर त्रयोदशी के साथ चतुर्दशी का संयोग चारों प्रहर की पूजा को कुछ खास बना रहा है। 21 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा।
साल में कुल 12 शिवरात्रियां होती है उसमें फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की रात्रि महाशिवरात्रि के नाम से प्रसिद्ध है। संहार शक्ति व तमोगुण के अधिष्टाता शिव की रात्रि महाशिवरात्रि शिव आराधना की सर्वश्रेष्ठ रात्रि है। इस रात्रि में अनेकानेक आध्यात्मिक शक्तियां जाग्रत होंगी जो वृति के मनोरथों को पूर्ण करेगी।
इसी महारात्रि में जीवन रूपी चन्द्र का शिव रूपी सूर्य से सम्मिलन होगा। यही महाशिवरात्रि का महत्व है, क्योंकि चतुर्दशी के स्वामी स्वयं शिव है। जिला प्रशासन एवं मंदिर प्रबंध समिति के द्वारा व्यापक तैयारियां पूर्ण कर ली गई है।
गुरुवार को शिवनवरात्र प्रारंभ के पहले दिन कोटितीर्थ कुण्ड के पास स्थित श्री कोटेश्वर महादेव का शिव पंचमी का पूजन प्रात: किया जाएगा। श्री कोटेश्वर महादेव के पूजन आरती पश्चात भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन-अभिषेक किया जाएगा।
श्री महाकालेश्वर भगवान के पूजन के बाद ब्राम्हणों के द्वारा एकादश-एकादशनि रुद्राभिषेक पूरी शिवनवरात्रि के दौरान किया जाएगा।
इसके बाद प्रात: 10.30 पर होने वाली भोग आरती दोपहर में की जाएगी। अपरान्ह 03 बजे भगवान महाकाल के संध्या पूजन पश्चात श्रृंगार किया जाएगा इस दौरान भगवान महाकाल को नये वस्त्र, आभूषण धारण कराये जाएंगे। यह क्रम भी नवरात्रि के नौ दिवस तक नित्य चलेगा।
शिवनवरात्रि के दौरान प्रतिदिन शाम को महाकाल परिसर स्थित सफेद मार्बल चबूतरे पर इन्दौर निवासी पं. श्री रमेश कानडकर का नारदीय कीर्तन होगा।
अपर कलेक्टर एवं मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री एस.एस. रावत ने मंदिर समिति के अधिकारियों आदि के साथ तैयारियों का जायजा लिया। प्रशासक श्री रावत ने निरीक्षण के दौरान संबंधित अधिकारियों को व्यवस्थाओं के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।