देवेंद्र फड़नवीस ने उद्धव के दावे को किया खारिज, कहा- अमित शाह से 50-50 फार्मूले पर शिवसेना की कभी नहीं हुई बात
By रामदीप मिश्रा | Published: November 8, 2019 05:24 PM2019-11-08T17:24:35+5:302019-11-08T17:24:35+5:30
महाराष्ट्रः सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद देवेंद्र फड़नवीस ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि शिवसेना और बीजेपी के बीच सीएम पोस्ट के लिए 50-50 पर मेरे सामने कभी कोई निर्णय नहीं हुआ।
महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर लगातार गतिरोध जारी था। इस बीच शुक्रवार को देवेंद्र फड़नवीस ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के उस बयान पर हमला बोला जिसमें वह लगातार कह रहे थे कि दोनों पार्टियों को मुख्यमंत्री का पद ढाई-ढाई साल मिले।
इस्तीफा देने के बाद फड़नवीस ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि शिवसेना और बीजेपी के बीच सीएम पोस्ट के लिए 50-50 पर मेरे सामने कभी कोई निर्णय नहीं हुआ। मैंने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, नितिन गडकरी से भी इस बारे में पूछा, लेकिन उन्होंने भी सीएम के लिए 50-50 फॉर्म्युले पर किसी भी तरह के फैसले से इनकार किया।
उन्होंने कहा कि हमने कई बार उद्धव ठाकरे को फोन किया गया, लेकिन उन्होंने बात नहीं की। उद्धव के खिलाफ हमने या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजतक कुछ भी नहीं कहा है, लेकिन शिवसेना जैसी भाषा बोल रही है वैसी एनसीपी ने भी नहीं बोली। हम इस करारा जवाब दे सकते हैं, लेकिन ऐसा कभी नही करेंगे क्योंकि हम बाल ठाकरे का सम्मान करते हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में हमने हर चुनौती का सामना बहादुरी से किया है। मुंबई जैसे महानगर में पिछले 5 साल में इन्फ्रास्ट्रक्चर, रेलवे, एयरपोर्ट, मेट्रो आदि पर हमने काफी काम किया। लोगों ने हमारे काम की वजह से एनडीए पर भरोसा किया और दोबारा सेवा का मौका दिया। इस बार हमारी सीटें थोड़ी कम रह गईं।
बता दें कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को आये थे लेकिन किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिल सका। हालांकि, बीजेपी-शिवसेना के गठबंधन ने जरूर बहुमत हासिल किया। महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनावों में बीजेपी को 105 सीटें, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं।
बीजेपी और शिवसेना ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और ऐसे में इस गठबंधन के पास पूर्ण बहुमत है। शिवसेना ने बीजेपी के सामने सरकार बनाने को लेकर 50-50 का फॉर्मूला सामने रखा है, जिसके बाद पेंच फंसा है। शिवसेना की मांग है दोनों पार्टियों को ढाई-ढाई साल सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए।