सर्वोच्च न्यायालय में उद्धव ठाकरे गुट का हलफनामा, शिंदे सरकार को 'जहरीले पेड़ का फल' बताया
By शिवेंद्र राय | Published: August 3, 2022 11:48 AM2022-08-03T11:48:02+5:302022-08-03T11:49:27+5:30
शिवसेना में चल रही आंतरिक लड़ाई पर सर्वोच्च न्यायालय में आज अहम सुनवाई है। इससे पहले ठाकरे गुट ने अदालत में दायर किए गए हलफनामे में शिंदे समर्थकों पर भाजपा की गोद में बैठने का आरोप लगाया है। हलफनामे में ठाकरे गुट ने कहा है कि महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार 'जहरीले पेड़ का फल' है।
नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायलय में आज शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से बागी विधायकों पर कार्रवाई और मुद्दों पर दायर की गई याचिका पर सुनवाई है। इससे पहले ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में दायर जवाबी हलफनाम दायर किया है। सर्वोच्च न्यायलय में दिए गए हलफनामे में ठाकरे गुट ने कहा है कि महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार 'जहरीले पेड़ का फल' है। ठाकरे गुट का कहना है कि बागी विधयकों ने संवैधानिक पाप किया है। ठाकरे गुट ने आरोप लगाया है कि शिंदे का समर्थन करने वाले बागी विधायकों ने पार्टी विरोधी गतिविधियों को सही साबित करने के लिए झूठा प्रचार किया कि एनसीपी और कांग्रेस के शिवसेना के साथ गठबंधन से उनके वोटर नाराज हैं।
भाजपा की गोद में बैठने का आरोप
शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट का कहना है कि बागी विधायकों ने अपनी पार्टी विरोधी गतिविधियों को छिपाने के लिए 'असली शिवसेना' के दावों के साथ चुनाव आयोग से संपर्क किया। ठाकरे गुट ने कहा कि अगर बागी विधायकों को जनता का समर्थन प्राप्त था तो उन्हें पहले महाराष्ट्र छोड़कर गुजरात क्यों जाना पड़ा? ठाकरे गुट ने कहा कि बाद में बागी असम जाकर भाजपा की गोद में बैठ गए क्योंकि गुजरात और असम में शिवसेना का कैडर नहीं है। उन्हें डर था कि महाराष्ट्र में रहे तो जनता मुश्किल पैदा कर देगी।
हलफनामे में बागी विधायकों पर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि जिस दिन से सरकार सत्ता में आई, इन विधायकों ने हमेशा इसका फायदा उठाया। पहले कभी उन्होंने कार्यकर्ताओ में इसको लेकर नाराजगी की बात नहीं उठाई। उद्धव गुट का आरोप है कि अगर कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से सरकार बनाने से इतनी ही परेशानी होती तो पहले दिन से बागी कैबिनेट में शामिल नहीं होते।
बता दें कि जब से महाराष्ट्र में नई सरकार बनी है तब से शिवसेना पर दावेदारी को लेकर जोर-आजमाइश हो रही है। उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे, दोनों के ही अपने-अपने दावे हैं। दोनों खेमे की लड़ाई पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हो रही है। शिंदे गुट के विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर उद्धव गुट की ओर से दायर सभी याचिकाओं पर आज भी सुनवाई होगी। आज की महत्वपूर्ण सुनवाई में इस बात का फैसला हो सकता है कि विधायकों की अयोग्यता का फैसला स्पीकर और पार्टी पर अधिकार का फैसला चुनाव आयोग करेंगे या सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ इस पर निर्णय करेगी।