शेहला राशिद ने चंदे के दुरुपयोग के आरोप को बताया बेबुनियाद, वेबसाइट से कहा- शाम तक मेरा नाम नहीं हटाया तो करूंगी कार्रवाई
By विशाल कुमार | Published: January 4, 2022 04:16 PM2022-01-04T16:16:16+5:302022-01-04T16:20:52+5:30
दक्षिणपंथी मीडिया वेबसाइट ऑप इंडिया ने अपने एक लेख में जेएनयू की छात्र नेता शेहला राशिद के साथ टीएमसी नेता साकेत गोखले, पत्रकार राणा अयूब, गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी और कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ पैसे की हेराफेरी से संबंधित आरोप लगाए हैं।
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की छात्र नेता शेहला राशिद ने एक मीडिया रिपोर्ट में लगाए गए उन आरोपों से इनकार किया है जिसमें कहा गया है कि उन्होंने जम्मू कश्मीर के कठुआ की पीड़िता के लिए इकट्ठा किए गए चंदे की राशि का दुरुपयोग किया है।
Fundraisers that have run into controversies over misappropriations and violation of lawshttps://t.co/cOR8ottpBm— OpIndia.com (@OpIndia_com) January 3, 2022
दक्षिणपंथी मीडिया वेबसाइट ऑप इंडिया की रिपोर्ट के जवाब में शेहला ने ट्वीट कर कहा कि मेरे खिलाफ लगातार लगाए जा रहे ये निराधार आरोप मानहानिकारक हैं। कठुआ का पैसा कभी किसी के खाते में नहीं गया। यह क्राउडफंडिंग वेबसाइट के माध्यम से सीधे परिवारों के पास गया। मैं तो पैसा इकट्ठा करने के अभियान की शुरुआत भी नहीं की थी। कभी भी कोई भी पैसा मेरे अकाउंट से होकर नहीं गया।
उन्होंने आगे कहा कि आज दिन के अंत तक मेरा नाम लेख से हटा दें क्योंकि यह निराधार है। सरकार के पास जांच करने के लिए 3-4 साल थे लेकिन इसमें कोई तथ्य नहीं था। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें। अपनी सफाई देते हुए उन्होंने खुद को अकेला छोड़ देने की गुहार लगाई।
Please remove my name from this article by end of day @OpIndia_com Remove the entire section about me, because it's baseless. The government has had 3-4 years to investigate this, but there's no substance in this BS. Please take down this defamatory content or face action.— Shehla Rashid (@Shehla_Rashid) January 4, 2022
बता दें कि, ऑप इंडिया ने अपने लेख में आरोप लगाया है कि साल 2018 में शेहला राशिद ने कठुआ पीड़िता का केस लड़ने वाली वकील दीपिका सिंह राजावत के साथ मिलकर पैसे इकट्ठा करने का अभियान चलाया था।
ऑप इंडिया लिखता है कि मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि ये पैसे कभी भी पीड़ितों के पास पहुंचे ही नहीं।
हालांकि, फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज ने नवंबर, 2018 की अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि कठुआ बलात्कार पीड़िता के परिवार के लिए अप्रैल में क्राउडफंडिंग शुरू होने के बाद से सोशल मीडिया पर इसे एक घोटाला बताने की कोशिश की जा रही है। छात्र नेता शेहला राशिद को बदनाम करने के लिए लगातार निशाना बनाया गया। हालांकि, सभी फंड सही लोगों तक पहुंच गए हैं।
ऑप इंडिया ने टीएमसी नेता और आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले पर भाजपा-आरएसएस-नरेंद्र मोदी के खिलाफ अभियान चलाने के लिए समान विचारधारा के लोगों से लाखों रुपये इकट्ठा करने और एक-एक पैसे का हिसाब देने का वादा करने के बाद मुकरने का आरोप लगाया है।
हालांकि, बीते 1 जनवरी को उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जब मैंने पैसे मांगे थे तब वह आरटीआई दाखिल करने काम करने के दौरान अपने जीवन यापन के लिए थे। उन्होंने कहा कि अपने मासिक खर्च का आप ऑडिट नहीं करा सकते हैं।
When I first raised funds, the page clearly stated that it was for my sustenance to do my work full-time without a job (not for Rs. 10 RTI expenses).
The kind people who supported me are aware of it. You don’t promise “audited accounts” for your monthly life expenses.
(1/6)— Saket Gokhale (@SaketGokhale) January 1, 2022
लेख में शेहला राशिद और गोखले के अलावा पत्रकार राणा अयूब, गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी और कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ भी इसी तरह के पैसे की हेराफेरी से संबंधित आरोप लगाए हैं।