रांची में लालू यादव से मिले शत्रुघ्न सिन्हा, बताया- बिहार में चल रही है लालू की लहर, इस सीट से लड़ेंगे चुनाव
By एस पी सिन्हा | Published: December 22, 2018 06:56 PM2018-12-22T18:56:43+5:302018-12-22T18:56:43+5:30
लालू प्रसाद यादव से मिलकर रिम्स से बाहर निकले शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि आम लोगों का मानना है कि लालू प्रसाद यादव, शशि थरूर, पी चिदंबरम सरीखे नेताओं को एक साजिश के तहत परेशान किया जा रहा है.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा अर्थात बिहारी बाबू आज बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से मिलने रिम्स अस्पताल पहुंचे. शत्रुघ्न सिन्हा के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सुबोध कांत सहाय और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन भी नजर आये.
वहीं, लालू प्रसाद यादव से मिलकर रिम्स से बाहर निकले शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि आम लोगों का मानना है कि लालू प्रसाद यादव, शशि थरूर, पी चिदंबरम सरीखे नेताओं को एक साजिश के तहत परेशान किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार से उनका व्यक्तिगत संबंध रहा है इसी की वजह से वह लालू जी का कुशल क्षेम जानने के लिए आए हैं. बिहारी बाबू ने कहा कि खरमास का महीना चल रहा है इसलिए ऐसे वक्त में बिहार झारखंड के लोग किसी नेक सब्जेक्ट पर चर्चा नहीं करते हैं.
शत्रुघ्न सिन्हा ने यहां तक कहा कि बिहार में तेजस्वी भविष्य के नेता है. उन्होंने कहा कि बिहार में लालू की लहर चल रही है. इस दौरान उन्होंने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने मोदी के नोटबंदी के फैसले सहित कई निर्णयों पर निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी और फिर जीएसटी जैसे तुगलकी तानाशाही निर्णय ने देश की जनता काफी परेशान किया है.
दल बदलने के मामले पर उन्होंने खरमास चलने का हवाला देते हुए कहा कि जाना होगा तो दल में जाएंगे दलदल में नहीं. इससे पहले शुक्रवार को देर शाम शत्रुघ्न सिन्हा रांची पहुंचे. रांची पहुंचने के बाद उन्होंने कहा कि वे अपने लोगों से मिलने आये हैं. यह राजनीतिक दौरा नहीं है. भाजपा की हार के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पार्टी को अब भी सीख लेनी चाहिए.
तीन राज्यों में जनता ने उन्हें नकार दिया है. मैंने पहले ही पार्टी को आगाह कर दिया था, लेकिन मेरी बातों को नहीं माना गया. उन्होंने कहा कि पार्टी हमेशा व्यक्ति से बडी होती है और पार्टी से बडा देश. मैं भाजपा नेता से पहले भारत का सच्चा नागरिक हूं. लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने का अधिकार है. इसी के तहत हमने पार्टी को आगाह किया था.
उन्होंने कहा कि अभी बहुत ज्यादा समय बर्बाद नहीं हुआ है. अब भी पुराने लोग लालकृष्ण आडवाणी, यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी सहित अन्य बडे नेता को मना कर उन्हें गले लगायें ताकि पार्टी और मजबूत हो सके. उनसे चुनाव के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे पहले ही कह चुके हैं कि अपना स्थान नहीं बदलेंगे.
चुनाव पटना साहिब से ही लडेंगे. खरमास के बाद अपना निर्णय सुनायेंगे कि उन्हें क्या करना है. वहीं, लालू यादव से मुलाकात के बाद सुबोध कांत सहाय ने कहा कि सरकार किसानों का कर्ज माफ करे. ये पांच हजार से किसानों का कुछ होने वाला नहीं है. पांच हजार से किसानों को कोई राहत नहीं मिलेगी.
महागंठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोलेबिरा के बाद भी और कोलेबिरा के पहले भी महागंठबंधन एक है. गंठबंधन के चेहरे में कोई बदलाव नहीं हुआ है. जो सर्वसम्मति से चेहरा बना है आगे भी वही रहेगा. उल्लेखनीय है कि झारखंड सरकार ने शुक्रवार को किसानों को हर वर्ष खरीफ फसलों की खेती के लिए प्रति एकड पांच हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की है जिसपर कांग्रेस नेता सहाय ने आज प्रतिक्रिया दी.