शशि थरूर का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला, बोले- 'पीएम मोदी देश की संसद में कम और विदेशी संसद में ज्यादा भाषण देते हैं'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 9, 2022 04:15 PM2022-08-09T16:15:29+5:302022-08-09T16:20:55+5:30
शशि थरूर ने कहा कि हमारे आज के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना अगर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू से की जाए तो पीएम मोदी ने जितना भारतीय संसद में नहीं बोला होगा है, उससे ज्यादा वो विदेशी संसद में बोल चुके हैं।
दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केरल के तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सांसद शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जबरदस्त तंज कसते हुए कहा कि बीते 8 सालों में पीएम मोदी ने देश की संसद में जितना नहीं बोला होगा, उससे ज्यादा वो विदेशी संसद में बोल चुके हैं।
पूर्व विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर ने प्रधानमंत्री मोदी पर यह व्यंग्य सोमवार को एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में किया। थरूर ने यह बात उस समय कही, जब वो देश के पहले पंडित जवाहरलाल नेहरू और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली की तुलना कर रहे थे।
उन्होंने आजादी के फौरन बाद भारत के लोकतंत्र, लोकतांत्रिक संस्थानों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आज के दौर से तुलना की और इस संबंध में दोनों प्रधानमंत्रियों को विचारधारा की तराजू पर तौलने का भी प्रयास किया।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक यूएन में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके सांसद शशि थरूर ने कहा, “हमारे आज के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना अगर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू से की जाए तो पीएम मोदी ने जितना भारतीय संसद में नहीं बोला होगा, उससे ज्यादा वो विदेशी संसद में बोल चुके हैं, जबकि प्रधानमंत्री नेहरू ने अपने कार्यकाल में देश की संसद में मुखर थे बनिस्पत विदेशी संसद के।”
थरूर ने साल 1962 के चीन आक्रमण हालात का जिक्र करते हुए कहा कि पंडित नेहरू ने भारत-चीन युद्ध के विषय पर चर्चा करने के लिए संसद का सत्र बुलाया, उन्हें चीन से धोखा मिला था लेकिन उन्होंने देश को धोखा नहीं दिया और चीन नीति के कारण अपनी आलोचना को संसद में पूरी गंभीरता के साथ सुना।
वहीं अगर हम आज के संदर्भ में देखें तो सांसद भारत-चीन सीमा विवाद को संसद में उठा ही नहीं सकते हैं। मोदी सरकार इन मुद्दों पर चर्चा कराने से भाग रही है, इस कारण संसद में चीन से संबंधित सवाल उठाने की अनुमति ही मिलती है।
इसके साथ ही शशि थरूर ने देश में तेजी से पैर फैला रही महंगाई, सवाल पूछने पर संसद से 27 सांसदों के निलंबन का मुद्दा और प्रवर्तन निदेशालय की देशभर में विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ चल रही कार्रवाई जैसे मुद्दों के विषय में संसद में सरकार की चुप्पी पर सवाल खड़े किया।
सांसद शशि थरूर ने कहा कि मौजूद सरकार संसद में विपक्ष की गरिमा को कम करने के प्रयास कर रही है। इस कारण मानसून सत्र हंगामे के साथ समाप्त हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार ने न तो कई रचनात्मक चर्चा की और न ही वो संसद में सदस्यों को सरकार के किसी क्रियकलाप की जानकारी देना चाहती है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा हो राज्यसभा, सरकार किसी भी विषय पर चर्चा के लिए तैयार है ही नहीं। जब सदन का सत्र चल रहा था तो सांसदों ने महंगाई के मुद्दे पर चर्चा की मांग की, लेकिन हुआ क्या। कांग्रेसी सांसद द्वारा राष्ट्रपति महोदया के संदर्भ में की कई कथित टिप्पणी का मामला उठ गया।
थरूर ने कहा कि केंद्र की एक महिला मंत्री ने विपक्ष की वरिष्ठ महिला संसाद पर अपमानजनक तरीके से हमला किया। सरकार जिस आक्रामक तरीके से राष्ट्रपति के अपमान का मुद्दा उठा रही थी, उस समय का वीडियो फुटेज देखिए। आपको यही लगेगा कि वो विपक्ष में हैं और विपश्र के सांसद सत्ता पक्षा में हैं।
संसद में विपक्ष से जिस आक्रामकता की उम्मीद की जाती है, वो तो सत्ता पक्ष कर रहा है। ऐसे में विपक्ष किस तरह से अपनी आवाज उठायेगा। विपक्ष को सत्ता पक्ष आक्रामकता से नहीं दबा सकता है, याद रखे कि उसे जनता के बीच जाकर भी खुद का पक्ष रखना होगा।