शशि थरूर ने बताई राहुल गांधी के मंदिर दर्शन की असली वजह, बीजेपी को लिया निशाने पर
By विकास कुमार | Published: December 3, 2018 02:17 PM2018-12-03T14:17:00+5:302018-12-03T14:17:00+5:30
राहुल गांधी का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी एक वैचारिक नेता है जिनकी धर्म और आध्यात्म पर गहरी पकड़ है। उन्होंने कहा, 'हिन्दू और बौद्ध विपसना के बीच के अंतर को लेकर उनकी समझ को जानकर आपको हैरानी हो सकती है।
हाल के दिनों में राहुल गांधी के ताबड़तोड़ मंदिर दौरे को लेकर कई सवाल उठते रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी कई मौकों पर राहुल गांधी को 'अवसरवादी हिन्दू' बता चुकी है। लेकिन राहुल गांधी इन आलोचनाओं से बेपरवाह लगातार मंदिरों के दर्शन करते रहे। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस सांसद शशि थरूर से जब राहुल के इस 'मंदिर दर्शन' पर सवाल किए गए, तो उन्होंने इस पर अपनी राय रखी। थरूर रविवार को दिल्ली में आयोजित हुए 'टाइम्स लिटफेस्ट दिल्ली' में हिस्सा लेने आए हुए थे। इस मौके पर उनसे उनकी नई किताब 'द पैराडॉक्सिकल प्राइम मिनिस्टर' पर भी चर्चा हुई।
इसी चर्चा में शशि थरूर से राहुल गांधी के मंदिरों में बढ़ते विश्वास के पीछे का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'कांग्रेस पार्टी ये लंबे समय से महसूस कर रही है कि हमें अपना निजी विश्वास जबरदस्ती लोगों के सामने दिखाना पड़ रहा है। हम ईश्वर में भरोसा करते हैं लेकिन हमें कभी ऐसा नहीं लगा कि हमें इसका प्रदर्शन आम जनता के सामने करना चाहिए क्योंकि कांग्रेस पार्टी नेहरू जी के धर्मनिरपेक्ष विचारों की पार्टी है, वह स्वतंत्रता संग्राम के दौर से इन्हीं विचारों पर कायम है।'
थरूर ने कहा, "कांग्रेस को ऐसा करने के लिए बीजेपी ने मजबूर किया है। बीजेपी ने सच्चे हिंदू और नास्तिक धर्मनिरपेक्ष के बीच अंतर दिखाने की यह 'लड़ाई' छेड़ी है।" थरूर ने आगे कहा, 'भारत जैसे देश में अगर यह बहस छेड़ी जाए, जहां धर्म गहराई तक जुड़ा हुआ है, वहां धर्मनिरपेक्षता की हमेशा हार होगी। ऐसे में हमने भी यह तय किया कि अब हमें भी अपने धार्मिक विश्वास का प्रदर्शन करना होगा, लेकिन हम इसमें भी सभी को साथ लेकर चलेंगे और दूसरे धर्मों को भी स्वीकार करते हुए आगे बढ़ेंगे।'
राहुल गांधी का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी एक वैचारिक नेता है जिनकी धर्म और आध्यात्म पर गहरी पकड़ है। उन्होंने कहा, 'हिन्दू और बौद्ध विपसना के बीच के अंतर को लेकर उनकी समझ को जानकर आपको हैरानी हो सकती है। लोगों को इस बात का एहसास नहीं है कि वे ऐसे आदमी हैं, जो कि धर्म को लेकर बहुत ही संवेदनशील हैं। राहुल गांधी जब खुद को शिव भक्त बताते हैं तो उन्हें अच्छी तरह पता होता है कि वो क्या बोल रहे हैं।'