शरजील इमाम ने मुसलमानों में निराशा की भावना पैदा करने की कोशिश की: पुलिस

By भाषा | Published: September 2, 2021 08:16 PM2021-09-02T20:16:49+5:302021-09-02T20:16:49+5:30

Sharjeel Imam tried to create a sense of despair among Muslims: Police | शरजील इमाम ने मुसलमानों में निराशा की भावना पैदा करने की कोशिश की: पुलिस

शरजील इमाम ने मुसलमानों में निराशा की भावना पैदा करने की कोशिश की: पुलिस

दिल्ली पुलिस ने बृहस्पतिवार को यहां एक अदालत को बताया कि कठोर आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत राजद्रोह के एक मामले में गिरफ्तार जेएनयू छात्र शरजील इमाम ने अपने कथित भड़काऊ भाषणों के जरिए मुसलमानों में निराशा की भावना पैदा करने की कोशिश की। पुलिस का प्रतिनिधित्व करने वाले विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान इमाम के द्वारा दिए गए भाषणों के लिए उसके खिलाफ दायर एक मामले में सुनवाई के दौरान टिप्पणी की। इमाम ने कथित तौर पर धमकी दी थी असम और पूर्वोत्तर के शेष भाग को भारत से ''काटा'' का सकता है। सुनवाई के दौरान, प्रसाद ने पश्चिम बंगाल के आसनसोल में इमाम द्वारा जनवरी 2020 में दिए गए भाषण को पढ़ा और कहा, “पिछले भाषणों में आरोपी ने स्पष्ट संकेत दिया है कि मुसलमानों के लिये सब कुछ खत्म हो गया है और कोई उम्मीद नहीं बची है। मैं यही कहने की कोशिश कर रहा हूं कि वह निराशा की इस भावना को आत्मसात करने की कोशिश कर रहा था कि हमारे पास कोई उम्मीद नहीं बची है।'' उन्होंने कहा कि इमाम ने भारत की संप्रभुता को चुनौती दी और यह स्पष्ट किया कि तीन तलाक और कश्मीर असली मुद्दे हैं न कि सीएए या एनआरसी।प्रसाद ने कथित भाषण के उस हिस्से का भी जिक्र किया जिसमें जेएनयू के छात्र ने कथित तौर पर डिटेंशन कैंप को आग लगाने के लिए कहा था। प्रसाद ने कहा, ''इससे ज्यादा और क्या कहा जा सकता है कि वह हिंसा भड़का रहा था?'' बुधवार को, अभियोजक ने कहा था कि इमाम ने अपने कथित भड़काऊ भाषणों में से एक भाषण 'अस-सलामु अलैकुम' अभिवादन के साथ शुरू किया था, जो दर्शाता है कि यह संबोधन एक विशेष समुदाय के लिये था, न कि बड़े पैमाने पर जनता के लिये।इमाम को 13 दिसंबर, 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया में और 16 दिसंबर, 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दिए गए भाषणों के लिये गिरफ्तार किया गया था। वह जनवरी 2020 से न्यायिक हिरासत में हैं।दिल्ली पुलिस ने मामले में इमाम के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसने कथित तौर पर केंद्र सरकार के प्रति नफरत, अवमानना ​​और असंतोष को भड़काने वाले भाषण दिए और लोगों को भड़काया जिसके कारण दिसंबर 2019 में हिंसा हुई।

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Web Title: Sharjeel Imam tried to create a sense of despair among Muslims: Police

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