फाइजर-मॉडर्ना के बाद अब सीरम ने की मांग, कहा- सब के लिए समान हो नियम, जानें पूरा मामला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 3, 2021 05:59 PM2021-06-03T17:59:08+5:302021-06-03T18:01:33+5:30

सीरम इंस्टीट्यूट कोविशील्ड का उत्पादन करता है। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के शॉट का भारतीय नाम  Covishield है और तीन नए एंटी-कोविड टीकों के परीक्षण में शामिल है।

Serum Institute of india seeks indemnity protection  rules should be same for all sought protection from legal action | फाइजर-मॉडर्ना के बाद अब सीरम ने की मांग, कहा- सब के लिए समान हो नियम, जानें पूरा मामला

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ही नहीं, सभी वैक्सीन कंपनियों को समान प्रकार की सुरक्षा मिलनी चाहिए।

Highlightsसरकार ने अब तक किसी भी निर्माता को किसी भी गंभीर दुष्प्रभाव के लिए कानूनी कार्रवाई के लिए संरक्षण नहीं दिया है। मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि अन्य देशों ने यह रियायत दी है।अगर इन कंपनियों ने भारत में इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन के लिए आवेदन किया है।

नई दिल्ली: सूत्रों के अनुसार फाइजर और मॉडर्ना के बाद, कोविशील्ड-निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने कानूनी कार्रवाई से सुरक्षा की मांग की है।  अदार पूनावाला के नेतृत्व वाली कंपनी ने कथित तौर पर सरकार से कहा है कि सभी वैक्सीन निर्माताओं, चाहे भारतीय हो या विदेशी, को समान प्रकार की सुरक्षा दी जानी चाहिए।

सूत्रों ने कहा कि सिर्फ सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ही नहीं, सभी वैक्सीन कंपनियों को समान प्रकार की सुरक्षा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सीरम उम्मीद कर रहा है कि नियम सभी के लिए समान होने चाहिए।

सीरम इंस्टीट्यूट कोविशील्ड का उत्पादन करता है। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के शॉट का भारतीय नाम  Covishield है और तीन नए एंटी-कोविड टीकों के परीक्षण में शामिल है। फार्मा कंपनी Novovax के सहयोग से विकसित किए जा रहे Covovax के लिए एडवांस्ड ट्रायल जारी हैं। Codagenix एक एकल खुराक वाली Nasal Vaccine , यूके में 1/2 चरण परीक्षण चल रहा है। तीसरा SpyBiotech एक नया वायरस जैसा कण वैक्सीन है, जिसका परीक्षण भी किया जा रहा है।

सरकार ने अब तक किसी भी निर्माता को किसी भी गंभीर दुष्प्रभाव के लिए कानूनी कार्रवाई के लिए संरक्षण नहीं दिया है। मंगलवार को  स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि अन्य देशों ने यह रियायत दी है और कंपनी के COVID-19 वैक्सीन के उपयोग से जुड़े किसी भी दावे से क्षतिपूर्ति या कानूनी सुरक्षा देने में "कोई समस्या नहीं है"।

सूत्रों ने कहा कि अगर इन कंपनियों ने भारत में इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन के लिए आवेदन किया है तो हम उन्हें हर्जाना देने को तैयार हैं। सूत्रों के मुताबिक उम्मीद है कि फाइजर और मॉडर्ना के लिए दूसरे देशों में जो अनुमति दी गई है, उसी तरह सुरक्षा की तर्ज पर उन्हें इन्डेमिनिटी दी जाएगी। अमेरिका जैसे देशों ने इन कंपनियों को उनके टीकों के साथ कुछ गलत होने की संभावना के लिए इन्डेमिनिटी दी है। शॉट से कोई प्रतिकूल प्रभाव होने पर उन पर मुआवजे के लिए मुकदमा नहीं किया जा सकता है।

 "फाइजर भारत सरकार के साथ अपने COVID-19 वैक्सीन को देश में सरकारी टीकाकरण कार्यक्रम में उपयोग के लिए उपलब्ध कराने की दिशा में लगा हुआ है। फाइजर के प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि ये चर्चा चल रही है, हम इस समय कोई अतिरिक्त विवरण शेयर करने में असमर्थ हैं। 

वैक्सीन प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह के प्रमुख वीके पॉल ने पिछले महीने कहा था कि हम फाइजर के साथ लगे हुए हैं और उन्होंने आने वाले महीनों में एक निश्चित मात्रा में वैक्सीन की उपलब्धता का संकेत दिया है। संभवतः वह जुलाई में शुरू हो रहा है। हम देख रहे हैं कि सरकार से उनकी क्या उम्मीदें हैं और वे देख रहे हैं कि उनसे हमारी क्या उम्मीदें हैं।  

 डॉ पॉल ने बताया है कि उन्होंने मूल देश सहित सभी देशों से इन्डेमिनिटी का अनुरोध किया है। हम इस अनुरोध की जांच कर रहे हैं और लोगों के व्यापक हित और गुणों के आधार पर निर्णय लेंगे।

Web Title: Serum Institute of india seeks indemnity protection  rules should be same for all sought protection from legal action

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