Sensex crashes: कुछ ही घंटों में निवेशकों के डूब गए 15 लाख करोड़, कोरोना महामारी से एशियाई बाजारों में भारी गिरावट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 23, 2020 12:56 PM2020-03-23T12:56:00+5:302020-03-23T12:56:00+5:30
बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिली और प्रमुख सूचकांक 10 प्रतिशत से अधिक टूट गए। कोरोना वायरस (कोविड-19) के बढ़ते मामलों ने बाजार की धारणा को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। इसके चलते इक्विटी बाजारों में सप्ताह की शुरुआत बड़े पैमाने पर बिकवाली के साथ हुई।
नई दिल्ली/मुंबईः शेयर बाजार में सोमवार शुरुआती एक घंटे के कारोबार के दौरान निवेशकों की 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति डूब गई।
इस दौरान बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिली और प्रमुख सूचकांक 10 प्रतिशत से अधिक टूट गए। कोरोना वायरस (कोविड-19) के बढ़ते मामलों ने बाजार की धारणा को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। इसके चलते इक्विटी बाजारों में सप्ताह की शुरुआत बड़े पैमाने पर बिकवाली के साथ हुई।
बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण कारोबार को 45 मिनट के लिए रोके जाने से ठीक पहले 10,29,847.17 करोड़ रुपये घटकर 1,55,79,296.12 करोड़ रुपये रह गया। बीएसई के प्रमुख सेंसेक्स सूचकांक में 2,991.85 अंक या 10 प्रतिशत की गिरावट हुई, जिसके बाद कारोबार को 45 मिनट के लिए रोक दिया गया। बीएसई सेंसेक्स के सभी शेयर घाटे में थे।
एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक और बजाज फाइनेंस में जोरदार गिरावट हुई। बैंक, रियल्टी और वित्त क्षेत्र के शेयरों में भारी नुकसान देखने को मिला। सूचकांक में बड़ी हिस्सेदारी रखने वाले आरआईएल में 11.57 फीसदी और टीसीएस में 5.84 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
एशियाई बाजारों सोमवार को शुरुआती कारोबार के दौरान भारी गिरावट हुई। दुनिया भर में आर्थिक राहत पैकेज की कवायद भी बाजार की धारणा को सुधार नहीं सकी। अमेरिका में खरबों डॉलर के आपातकालीन राहत पैकेज को सासंदों की मंजूरी नहीं मिलने से बाजार में नकारात्मक घारणा को बल मिला।
कोरोना वायरस से दुनिया भर में मौत का आंकड़ा 14,300 से अधिक हो गया है और करीब एक अरब लोग अपने घरों में कैद हैं। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी व्यवसाय बंद हैं और भारी मंदी की आशंका गहरा रही है। न्यूजीलैंड में चार सप्ताह के लिए बंदी की घोषणा से वेलिंगटन ने 9.3 प्रतिशत का नुकसान उठाया।
हांगकांग में हैंग सेंग सूचकाकं 3.7 फीसदी, सिडनी छह फीसदी, शंघाई 2.5 फीसदी और ताइवान 2.8 फीसदी गिरा। सिंगापुर में 7.5 फीसदी, जकार्ता में चार फीसदी और सियोल में 3.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, डॉलर के मुकाबले येन के सस्ता होने से टोक्यो में 0.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
अर्थशास्त्री और विश्लेषक अब इस बात को लेकर चिंतित हैं कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर महामारी का गहरा प्रभाव हो सकता है और सामाजिक संतुलन के उपायों और बंदी के कारण कई उद्योगों को गंभीर नुकसान हो रहा है। ब्लूमबर्ग न्यूज के मुताबिक गोल्डमैन सॉक्स, मॉर्गन स्टेनली और जेपी मॉर्गन चेस ने अमेरिकी की जीडीपी में गिरावट का अनुमान जताया है।