जम्मू-कश्मीर पुलिस का सनसनीखेज खुलासा, आतंकी भी पहचान छुपाने के लिए कर रहे हैं आधार कार्ड का प्रयोग
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 18, 2022 08:40 PM2022-04-18T20:40:20+5:302022-04-18T20:52:57+5:30
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकियों के पहचान पत्र के तौर पर मिले आधार कार्ड को लेकर संभावना जताई है कि आतंकी बड़े पैमाने पर अपनी पहचान गुप्त रखने के लिए फर्जी बायोमेट्रिक आधार कार्ड का सहारा ले रहे हैं।
कश्मीर: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक ऐसी सनसनीखेज जानकारी उजागर की है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों के हाथ-पैर फूल गये हैं। बताया जा रहा है कि घाटी में हिंसा फैलाने वाले आतंकी संगठन पाकिस्तान से आये घुसपैठियों के लिए फर्जी आधार कार्ड बनवा रहे हैं।
इस मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) से बायोमेट्रिक आधार कार्ड की सुरक्षा को और पुख्ता किये जाने को लेकर बात करेगी।
राज्य पुलिस बल ने इस बात का खुलासा करते हुए कहा कि आतंकियों के पास पहचान पत्र के तौर पर आधार कार्ड के मिलने से इस बात की संभावना जताई जा रही है कि आतंकी बड़े पैमाने पर अपनी पहचान गुप्त रखने के लिए बायोमेट्रिक आधार कार्ड का सहारा ले रहे हैं।
दरअसल पुलिस को भी इस मामले की जानकारी तब हुई, जब हाल ही में सुरक्षा बलों ने श्रीनगर में डल झील से सटे विश्वंभर नगर में दो पाक आतंकियों को ढेर कर दिया, उसके बाद जब उनकी तलाशी ली गई तो मारे गये आतंकियों के पास से बायोमेट्रिक आधार कार्ड बरामद हुआ।
मारे गये आतंकी इस महीने की शुरुआत में सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले के दोषी थे। उस हमले में आतंकियों के हाथों कई जवान मारे गये थे।
घटना के लिए जिम्मेदार आतंकी की पहचान मोहम्मद भाई उर्फ अबू कासिम के रूप में हुई है, जो साल 2019 से कश्मीर घाटी में बतौर आतंकी सक्रिय था। वहीं उसके साथ मारा गया अबू अरसलान उर्फ खालिद भी साल 2021 से आतंकी गतिविधियों में शामिल था।
हालांकि सुरक्षाबलों को मुठभेड़ वाली जगह से बरामद हुए दोनों आधार कार्ड जम्मू के पते पर दर्ज हैं। पुलिस अधिकारी ने जब बरामद हुए आधार कार्ड की जांच की तो पता चला कि आधार नंबर तो असली थे लेकिन कार्ड पर लगी तस्वीर जाली थी।
पुलिस अधिकारी का कहना है कि इसके पीछे पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है, जो चाहती है कि कश्मीर घाटी में आतंकवाद फैलाने वाले आतंकियों को भारतीय नागरिक के तौर पर प्रचारित किया जाए।