वरिष्ठ वकील अदालत का अधिकांश समय नहीं ले सकते, उन्हें जिम्मेदारी से सहयोग करना चाहिए: उच्च न्यायालय
By भाषा | Updated: December 22, 2021 22:02 IST2021-12-22T22:02:08+5:302021-12-22T22:02:08+5:30

वरिष्ठ वकील अदालत का अधिकांश समय नहीं ले सकते, उन्हें जिम्मेदारी से सहयोग करना चाहिए: उच्च न्यायालय
नयी दिल्ली, 22 दिसंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने वरिष्ठ वकीलों से अदालत की समय सीमा का ध्यान रखने का आग्रह करते हुए कहा कि उन्हें ज्यादा जिम्मेदारी की भावना के साथ सहयोग करना चाहिए न कि ‘‘अदालत के समय का अधिकतर हिस्सा’’ लेना चाहिए।
बौद्धिक संपदा अधिकार मामले से जुड़ी एक याचिका पर अपने आदेश में उच्च न्यायालय ने कहा कि वकील ‘‘लंबे समय तक’’ जिरह करना चाहते हैं जिसकी अनुमति नहीं दी जा सकती क्योंकि प्रति दिन काफी संख्या में मामले सूचीबद्ध किए जाते हैं।
अदालत ने कहा कि वकीलों को महसूस करना चाहिए कि जिस तारीख के लिए मामला सूचीबद्ध किया जाता है वह प्रारंभिक सुनवाई की तारीख होती है, न कि फैसले की तारीख।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा, ‘‘हम सभी को इस तथ्य को ध्यान में रखना चाहिए कि जब अपील को प्रारंभिक सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाता है तो काफी संख्या में दूसरे मामले भी सूचीबद्ध होते हैं। किसी पक्ष से वरिष्ठ वकील पेश होते हैं तो वे अदालत का ज्यादा समय नहीं ले सकते।’’
पीठ ने कहा कि खासकर बौद्धिक संपदा अधिकार से जुड़े मामलों में उसने पाया है कि काफी ऊंजी आवाज में जिरह की जाती है।
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