एसएमए के तहत शादी करने वाले लोगों के घरों पर नोटिस भेजना ‘अदालत की अवमानना’ : उच्च न्यायालय
By भाषा | Updated: August 12, 2021 17:24 IST2021-08-12T17:24:29+5:302021-08-12T17:24:29+5:30

एसएमए के तहत शादी करने वाले लोगों के घरों पर नोटिस भेजना ‘अदालत की अवमानना’ : उच्च न्यायालय
नयी दिल्ली, 12 अगस्त दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि यहां एक सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट ने विशेष विवाह अधिनियम के तहत एक महिला से शादी करने के इच्छुक एक व्यक्ति के आवास पर नोटिस भेजकर प्रथम दृष्टया अदालत की अवमानना की है। उच्च न्यायालय ने ऐसे किसी भी नोटिस को भेजने पर रोक लगा रखी है।
अलग-अलग धर्मों के दंपति की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी ने अधिकारी को नोटिस जारी किया और उन्हें यह कारण बताने को कहा कि न्याय के प्रशासन को बाधित करने के लिए उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई क्यों न की जाए।
अदालत ने 10 अगस्त को आदेश दिया, ‘‘प्रतिवादी को नोटिस जारी कर यह कारण बताने को कहा जाए कि न्याय के प्रशासन को बाधित करने तथा अदालत की अवमानना करने के लिए उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई क्यों न की जाए।’’
अदालत ने दोहराया कि जब भी कोई दंपति एसएमए के तहत शादी को पंजीकृत कराना चाहता है तो उनके घरों पर नोटिस न भेजे जाए। ऐसे नोटिस भेजने पर मनाही है क्योंकि इससे आवेदकों की योजना पर पानी फिर सकता है या उनकी जान को खतरा हो सकता है।
अदालत ने कहा कि अप्रैल 2009 में उच्च न्यायालय ने एक आदेश पारित करते हुए निर्देश दिया था कि एसएमए के तहत नोटिसों को दंपति के घरों पर भेजे जाने के बजाय कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर लगाया जाए और दिल्ली सरकार ने इस संबंध में सभी उपायुक्तों को निर्देश भी जारी किए थे।
इस मामले पर अगली सुनवाई आठ सितंबर को होगी।
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