कुछ एनजीओ को मिले विदेशी चंदे के मामले को देखने के लिए गृह मंत्रालय को पत्र भेजे: एनसीपीसीआर
By भाषा | Updated: November 11, 2021 22:52 IST2021-11-11T22:52:40+5:302021-11-11T22:52:40+5:30

कुछ एनजीओ को मिले विदेशी चंदे के मामले को देखने के लिए गृह मंत्रालय को पत्र भेजे: एनसीपीसीआर
नयी दिल्ली, 11 नवंबर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि उन्होंने कुछ गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) द्वारा प्राप्त विदेशी धन और उसके उपयोग के मामले को देखने के लिए गृह मंत्रालय को पत्र भेजे हैं।
विदेशी अभिदाय विनियमन संशोधन अधिनियम, 2020 के बारे में कुछ मुद्दों को उठाने वाली एक याचिका पर शीर्ष अदालत में दाखिल अपने हलफनामे में एनसीपीसीआर ने कहा कि एफसीआरए पंजीकरण वाले कुछ एनजीओ विदेशी धनराशि प्राप्त करते हैं और अन्य एनजीओ को इसे देते हैं जिनका इस तरह का पंजीकरण नहीं होता।
उसने कहा कि एनसीपीसीआर लगातार बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) का निरीक्षण कर रहा है और कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले एनजीओ के खिलाफ अनेक कदम उठा रहा है।
वकील स्वरूपमा चतुर्वेदी के माध्यम से दाखिल हलफनामे में कहा गया कि एनजीओ ‘सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज’ के पास एफसीआरए पंजीकरण है और वह विदेशी चंदा लेता है तथा इसे एनजीओ ‘रेनवो फाउंडेशन इंडिया’ को दे देता है जिसका एफसीआरए पंजीकरण नहीं है लेकिन वह भारत में अनेक शहरों में कई सीसीआई चलाता है।
हलफनामे में कहा गया, ‘‘एनसीपीसीआर ने 30 नवंबर, 2020 और 24 जून, 2021 को गृह मंत्रालय को पत्र भेजे और ‘सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज’ तथा ‘अरुण’ द्वारा मिलने वाले विदेशी चंदे और इसके उपयोग की पड़ताल करने को कहा है।’’
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने नौ नवंबर को कुछ याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा था जिनमें विदेशी अभिदाय विनियमन संशोधन अधिनियम, 2020 पर चिंता जताई गयी।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।