समलैंगिक विवाह याचिकाओं पर कार्यवाही के सीधे प्रसारण के लिए याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा

By भाषा | Published: November 30, 2021 05:10 PM2021-11-30T17:10:32+5:302021-11-30T17:10:32+5:30

Seeks response from Center on plea for live telecast of proceedings on gay marriage petitions | समलैंगिक विवाह याचिकाओं पर कार्यवाही के सीधे प्रसारण के लिए याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा

समलैंगिक विवाह याचिकाओं पर कार्यवाही के सीधे प्रसारण के लिए याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा

नयी दिल्ली, 30 नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने विशेष हिंदू और विदेशी विवाह कानूनों के तहत समलैंगिक विवाह को मान्यता देने संबंधी याचिकाओं पर कार्यवाही के सीधे प्रसारण के लिए दायर याचिका पर मंगलवार को केंद्र से जवाब मांगा।

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने केंद्र के वकील को इस मुद्दे पर निर्देश लेने और जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया। इस मामले में अब तीन फरवरी को आगे सुनवाई होगी।

अदालत कई समलैंगिक जोड़ों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें विशेष, हिंदू और विदेशी विवाह कानूनों के तहत समलैंगिक विवाह को मान्यता देने का अनुरोध किया गया है।

कुछ याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने दलील दी कि इसमें शामिल अधिकारों को देखते हुए इस कार्यवाही का सीधा प्रसारण आवश्यक है क्योंकि यह देश की कुल आबादी के सात से आठ प्रतिशत से संबंधित है।

उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय महत्व का मामला है और इसका सीधा प्रसारण एक बड़ी आबादी का प्रतिनिधित्व कर सकती है।

कौल ने दलील कि उनके मुवक्किल जनता के उस वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं जो इन मामलों के परिणाम की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं और हालांकि बड़ी संख्या में लोग कार्यवाही में भाग लेना चाहते हैं लेकिन तकनीकी माध्यमों की सीमा के कारण ऐसा करने में असमर्थ हैं।

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय, अटार्नी जनरल तथा बार काउंसिल राष्ट्रीय हित वाली याचिकाओं की कार्यवाही के सीधे प्रसारण के पक्ष में हैं और ये याचिकाएं इसी श्रेणी में आती हैं।

अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी के प्रतिनिधित्व वाली दो अलग-अलग याचिकाओं पर भी नोटिस जारी किया और केंद्र से जवाब मांगा। इनमें से एक याचिका दो महिलाओं ने दायर की गई है, जिन्होंने पहले ही फरवरी, 2018 में वाराणसी में शादी कर ली थी और यहां मान्यता का अनुरोध किया है और दूसरी याचिका एक ट्रांसजेंडर ने दायर की है, जिसकी लिंग परिवर्तन सर्जरी हुई है और उसने दक्षिण अफ्रीका में अपने पति के साथ विवाह किया है और यहां शादी को मान्यता देने का अनुरोध किया है।

कार्यवाही के सीधे प्रसारण के लिए आवेदन अभिजीत अय्यर मित्रा की लंबित याचिका में दाखिल किया गया है।

मित्रा और तीन अन्य ने तर्क दिया है कि उच्चतम न्यायालय के फैसले में सहमति से समलैंगिक कृत्यों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के बावजूद समान लिंग वाले जोड़ों के बीच विवाह संभव नहीं है और हिंदू विवाह अधिनियम (एचएमए) और विशेष विवाह अधिनियम (एसएमए) के तहत समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के लिए घोषणा का अनुरोध किया।

केंद्र सरकार ने समलैंगिक विवाह का इस आधार पर विरोध किया है कि भारत में विवाह केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं है बल्कि जैविक पुरुष और महिला के बीच कायम होने वाली एक संस्था है।

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Web Title: Seeks response from Center on plea for live telecast of proceedings on gay marriage petitions

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