दिवाली पर प्रदूषण को रोकने के लिए आए ‘सीड क्रैकर्स’

By भाषा | Updated: November 9, 2020 15:05 IST2020-11-09T15:05:48+5:302020-11-09T15:05:48+5:30

Seed crackers come to stop pollution on Diwali | दिवाली पर प्रदूषण को रोकने के लिए आए ‘सीड क्रैकर्स’

दिवाली पर प्रदूषण को रोकने के लिए आए ‘सीड क्रैकर्स’

(मनीष सैन)

नयी दिल्ली, नौ नवम्बर दिवाली के समय आसमान में धुंध छाने और लाखों लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने को देखते हुए अब इस त्योहार को उत्साह के साथ-साथ सतर्कता से मनाने के बारे में सोचने का समय आ गया है। इस समस्या का हल कुछ नवोन्मेषकों ने ‘सीड क्रैकर्स’ के रूप में निकाला है। इन्हें जलाने से प्रकाश और आवाज नहीं निकलती बल्कि फूल, फल और सब्जियां निकलती हैं।

इसे बनाने वाले ‘सीड पेपर इंडिया’ के संस्थापक रोशन रे ने दिल्ली में हर साल बढ़ते प्रदूषण और इससे सांस लेने में होने वाली तकलीफ के बारे में पढ़ने के बाद सोचा कि इसके लिए लोगों की मानसिकता बदलने की जरूरत है।

बेंगलुरू के रहने वाले रे ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जब लोग पटाखों के बारे में सोचते हैं, तो जलाना, धुआं निकलना और शोर ही दिमाग में आता है। हमें यह मानसिकता बदलने की जरूरत है कि पटाखों को जलाने की जरूरत नहीं है बल्कि उन्हें अलग-अलग पौधों के रूप में उगाया भी जा सकता है। हमें यह समझने की जरूरत हैं कि हम पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना भी जश्न मना सकते हैं।’’

रे के ‘रॉकेट’ गेंदा के फूल, ‘बिजली बम’ औषधीय तुलसी के पौधे और ‘हाइड्रोजन बम’ रसदार टमाटर में बदल जाते हैं।

उन्होंने कहा कि इन ‘सीड क्रैकर्स’ को 'सुतली बम', 'हाइड्रोजन बम' और 'अनार' जैसे पटाखों का रूप दिया गया है, लेकिन ये फटते नहीं हैं। ये विभिन्न पौधों के रूप में उगते हैं।

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Web Title: Seed crackers come to stop pollution on Diwali

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